PKL 10 में बंगाल वारियर्स के प्रदर्शन पर एक नजर

PKL 10 में टीम प्वॉइंट्स टेबल में सातवें पायदान पर रही।
बंगाल वारियर्स के लिए पीकेएल का एक और सीजन निराशा के साथ संपन्न हुआ। टीम ने सातवें सीजन के दौरान टाइटल जीता था लेकिन उसके बाद से उनका परफॉर्मेंस कुछ अच्छा नहीं रहा है। टीम ने इस बार भी निराश किया और वो प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाए। टीम प्वॉइंट्स टेबल में सातवें पायदान पर रही। बंगाल वारियर्स ने इस सीजन 22 में से 9 मुकाबले जीते और 11 मैच हारे और उनके दो मैच टाई रहे।
टीम के लिए पीकेएल के 10वें सीजन (PKL 10) के दौरान कप्तान मनिंदर सिंह ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और वो टॉप-5 रेडर्स कि लिस्ट में रहे। हालांकि उन्हें डिफेंस का साथ नहीं मिला। अगर टीम पूरी तरह से एकजुट होकर खेलती तो सफलता हासिल कर सकती थी। आइए जानते हैं 10वें सीजन में किन प्लेयर्स ने बंगाल वारियर्स के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।
PKL 10 में टीम के टॉप परफॉर्मर्स
1. मनिंदर सिंह
बंगाल वारियर्स के लिए पीकेएल के 10वें सीजन के दौरान कप्तान मनिंदर सिंह ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने 21 मैच खेले और 197 रेड प्वॉइंट हासिल किए। टॉप-5 रेडर्स की लिस्ट में वो चौथे पायदान पर रहे। मनिंदर सिंह ने इस सीजन के दौरान एक बड़ा रिकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने पीकेएल में अपने 1400 प्वॉइंट पूरे किए। ये कारनामा करने वाले वो पीकेएल इतिहास के सिर्फ दूसरे खिलाड़ी हैं। इससे पहले केवल परदीप नरवाल के नाम ही पीकेएल में 1400 से ज्यादा प्वॉइंट थे और अब मनिंदर सिंह के नाम भी ये उपलब्धि दर्ज हो गई है।
2. नितिन कुमार
बंगाल वारियर्स के कप्तान मनिंदर सिंह को इस सीजन अगर किसी खिलाड़ी से सबसे ज्यादा सपोर्ट मिला तो वो युवा रेडर नितिन कुमार थे। राइट रेडर नितिन कुमार का ये पहला ही पीकेएल सीजन था और उन्होंने काफी ज्यादा प्रभावित किया। नितिन ने 20 मैच खेले और 169 प्वॉइंट हासिल किए। सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल करने के मामले में वो 10वें सीजन में छठे पायदान पर रहे। नितिन ने कुल 308 रेड किया और इस दौरान 8 सुपर-10 लगाया, जबकि चार सुपर रेड भी उन्होंने किए।इससे पता चलता है कि उनका परफॉर्मेंस कितना बेहतरीन रहा।
3. शुभम शिंदे
डिफेंस में टीम के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन राइट कॉर्नर स्पेशलिस्ट शुभम शिंदे का रहा। शिंदे ने 10वें सीजन में 22 मैच खेले और 62 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे। उन्होंने इस दौरान दो सुपर टैकल किए और तीन हाई फाइव लगाया। रेडिंग में भी शुभम शिंदे ने 5 प्वॉइंट हासिल किए और इस तरह से ओवरऑल 67 प्वॉइंट उनके नाम रहे।
इन खिलाड़ियों ने किया निराश
1. श्रीकांत जाधव
इस सीजन अनुभवी रेडर श्रीकांत जाधव का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा। उनसे काफी ज्यादा उम्मीदें लगाई गई थीं लेकिन वो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और बंगाल वारियर्स की असफलता का एक कारण ये भी रहा। श्रीकांत जाधव 15 मैचों में सिर्फ 65 प्वॉइंट ही हासिल कर पाए। इतने अनुभवी रेडर से सिर्फ पांच के औसत से प्वॉइंट लाने की उम्मीद बिल्कुल भी बंगाल ने नहीं की होगी।
2. वैभव गरजे
टीम के राइट कवर स्पेशलिस्ट वैभव गरजे ने भी 10वें सीजन के दौरान निराश किया। वो 22 मैचों में केवल 53 प्वॉइंट ही हासिल कर पाए। वैभव गरजे का सक्सेस रेट सिर्फ 37 प्रतिशत ही रहा और इससे पता चलता है कि उनके असफल टैकल काफी रहे। उन्होंने हर मैच में औसतन 2 से ढाई प्वॉइंट लिए।
3. आदित्य शिंदे
बंगाल वारियर्स के लेफ्ट कॉर्नर स्पेशलिस्ट आदित्य शिंदे ने भी काफी निराश किया। वो 16 मैचों में सिर्फ 21 टैकल प्वॉइंट ही हासिल कर पाए। आदित्य शिंदे एक भी हाई-फाइव इस सीजन नहीं लगा पाए। उन्होंने कुल 67 टैकल किए लेकिन प्वॉइंट सिर्फ 21 ही लेने में सफल रहे।
टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस
मैच 64 – तेलुगु टाइटंस vs बंगाल वारियर्स
बंगाल वारियर्स ने इस सीजन सबसे बेहतरीन प्रदर्शन तेलुगु टाइटंस के खिलाफ मैच में किया। टीम ने 9 जनवरी को मुंबई में खेले गए मुकाबले में तेलुगु टाइटंस को 20 प्वॉइंट के अंतर से हराया। इस मैच में स्कोर 46-26 से बंगाल वारियर्स के पक्ष में रहा। टीम के लिए रेडिंग में नितिन कुमार ने 9 और एस विश्वास ने 8 प्वॉइंट लिए। वहीं डिफेंस में शुभम शिंदे ने 6 प्वॉइंट हासिल किए। राइट कवर में वैभव गरजे ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए 9 प्वॉइंट हासिल किए।
मैच 114 – बंगाल वारियर्स vs तेलुगु टाइटंस
टीम का दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन भी बंगाल वारियर्स के ही खिलाफ आया। अपने होम ग्राउंड में खेले गए इस मैच में बंगाल वारियर्स ने 55-35 के अंतर से तेलुगु टाइटंस को हराया। इस मैच में नितिन कुमार ने रेडिंग में बेहतरीन खेल दिखाते हुए 13 प्वॉइंट लिए। जबकि डिफेंस में वैभव गरजे ने हाई-फाइव लगाया।
कोच का रिपोर्ट कार्ड
बंगाल वारियर्स ने 10वें सीजन के लिए के भास्करन को अपना हेड कोच नियुक्त किया था। उनकी कोचिंग में टीम ने अच्छा खेल तो दिखाया लेकिन प्लेऑफ में नहीं जा पाए। के भास्करन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके। उनके पास कोचिंग का काफी अनुभव है लेकिन कई मौकों पर इस बार वो चूक गए। स्टार्टिंग सेवन की बात हो या फिर खिलाड़ियों को सब्सीट्यूट करना हो के भास्करन बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं दिखे।
बंगाल वारियर्स को सीजन से क्या सीख मिली?
बंगाल वारियर्स के लिए इस बार उनका डिफेंस उतना बेहतर नहीं कर पाया और इसी वजह से वो प्लेऑफ में जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाए। अगर टीम डिफेंस में भी बेहतर खेल दिखाती तो फिर वो अगले दौर में जा सकते थे। टीम को इस सीजन अपने डिफेंस पर ध्यान देना चाहिए था। डिफेंस में एक या दो काफी अनुभवी खिलाड़ियों की जरुरत थी।
For more updates, follow Khel Now Kabaddi on Facebook, Twitter, Instagram; download the Khel Now Android App or IOS App and join our community on Whatsapp & Telegram.
Sawan Gupta is a passionate sports enthusiast with a strong interest in cricket, hockey, badminton, and kabaddi. He supports RCB in the IPL and UP Yoddhas in the PKL, and admires PV Sindhu and Virat Kohli. Since 2017, Sawan has been writing sports articles, covering major events like the Pro Kabaddi League, Asian Games, Olympics, and various cricket tournaments.
- अदार पूनावाला बनेंगे RCB के नए मालिक? IPL 2026 से पहले मची हलचल
- सुरजीत सिंह और पूजा काजला को कबड्डी में शानदार प्रदर्शन का मिलेगा इनाम, दोनों सितारों का अर्जुन अवार्ड से किया जाएगा सम्मान
- साल 2025 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के पांच सबसे यादगार पल
- WWE के तीन मौजूदा सबसे बढ़िया बेबीफेस सुपरस्टार्स
- साल 2025 में भारतीय क्रिकेट के पांच सबसे यादगार पल