PKL 10 में गुजरात जायंट्स के प्रदर्शन पर एक नजर
एलिमिनेटर में हारकर गुजरात के इस सीजन के सफर का अंत हुआ था।
पीकेएल के 10वें सीजन (PKL 10) में गुजरात जायंट्स ने शुरुआत अच्छी की थी, लेकिन उसके बाद टीम के प्रदर्शन में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलते रहे। गुजरात जायंट्स ने इस सीजन में 22 मैच खेले, जिनमें से उन्हें 13 बार जीत मिली और उनकी टीम को 9 मौकों पर हार का सामना करना पड़ा था। टीम अंक तालिका में चौथे स्थान पर रही और पिछले सीजन की निराशा को पीछे छोड़ते हुए इस बार आखिरकार उन्होंने प्लेऑफ में जगह बनाई।
दुर्भाग्यवश गुजरात जायंट्स एलिमिनेटर मैच में हार के साथ ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी। टीम के लिए प्रतीक दहिया, फजल अत्राचली ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। उनके अलावा राइट कवर डिफेंडर दीपक सिंह ने भी काफी अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। इस आर्टिकल में आइए जानते हैं कि PKL 10 में किन खिलाड़ियों ने गुजरात जायंट्स के लिए अच्छा प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।
PKL 10 में टीम के टॉप परफॉर्मर्स
1. फजल अत्राचली
फजल अत्राचली पीकेएल के इतिहास में सबसे अनुभवी डिफेंडर्स में से एक हैं और वो दसवें सीजन में गुजरात जायंट्स के कप्तान रहे। उन्होंने सीजन में 23 मैच खेले, जिनमें उन्होंने 62 टैकल पॉइंट्स हासिल किए और 3 बार हाई-5 का आंकड़ा छुआ था। हालांकि कई बार उनकी एडवांस टैकल करने की रणनीति उन्हीं पर भारी पड़ी, लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो उन्होंने एक खिलाड़ी और कप्तान के रूप में भी काफी अच्छा करके दिखाया है।
2. प्रतीक दहिया
प्रतीक दहिया ने PKL 9 में गुजरात जायंट्स के लिए खेलते हुए अपना प्रो कबड्डी लीग में डेब्यू किया था। दसवें सीजन में भी उन्होंने टीम के सपोर्टिंग रेडर की भूमिका को अच्छे से निभाया है। उन्होंने सीजन में 19 मैच खेले, जिनमें उन्होंने 130 रेड पॉइंट्स हासिल किए और प्रतीक ने 6 बार सुपर-10 स्कोर किया था। वो दसवें सीजन के दूसरे हाफ में गुजरात जायंट्स के मेन रेडर के रूप में भी उभर कर सामने आए।
3. दीपक सिंह
दीपक सिंह PKL 8 और PKL 9 में ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिल पाया था, लेकिन दसवें सीजन में गुजरात जायंट्स ने उन्हें लीग पर अपनी छाप छोड़ने के लिए पर्याप्त मौके दिए। उन्होंने पीकेएल के दसवें सीजन में 14 मैच खेले, जिनमें उन्होंने 43 टैकल पॉइंट्स हासिल किए और इस दौरान उन्होंने 4 बार हाई-5 भी स्कोर किया। उनके रूप में गुजरात को एक बेहतरीन राइट कवर डिफेंडर मिल गया है।
इन खिलड़ियों ने निराश किया
1. मोहम्मद नबीबक्श
मोहम्मद नबीबक्श सीजन 7 से पीकेएल में खेल रहे हैं, लेकिन 10वें सीजन को उनके लिए सबसे खराब कहना गलत नहीं होगा। PKL 10 में उन्होंने गुजरात जायंट्स के लिए 21 मैच खेले, जिनमें वो केवल 16 टैकल पॉइंट्स हासिल कर पाए। चूंकि वो एक ऑल-राउंडर हैं, इसलिए उनसे रेडिंग में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन रेडिंग में भी उन्होंने केवल 12 पॉइंट्स अर्जित किए थे। ये उनके लिए पीकेएल इतिहास में सबसे खराब सीजन साबित हुआ है।
2. रोहित गुलिया
रोहित गुलिया साल पांचवें सीजन से PKL का अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं और नौवें सीजन में उन्होंने पटना पाइरेट्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया था। दुर्भाग्यवश वो इस बार गुजरात जायंट्स के लिए कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए. उन्होंने दसवें सीजन में 16 मैच खेले, जिनमें वो केवल 50 रेड पॉइंट्स हासिल कर पाए. वो एक ऑल-राउंडर हैं और उनसे डिफेंस में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद करना गलत नहीं है, लेकिन PKL 10 में उन्हें ज्यादा मौकों पर डिफेंस करते देखा ही नहीं गया।
3. राकेश
राकेश को पीकेएल के दसवें सीजन में गुजरात जायंट्स ने शुरुआत में अपने मेन रेडर के रूप में पेश किया था। उन्होंने कुछ शुरुआती मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया, लेकिन कुछ मैचों के बाद उनके प्रदर्शन में गिरावट दर्ज की जाने लगी थी। राकेश ने दसवें सीजन में 21 मैच खेले, जिनमें वो केवल 108 रेड पॉइंट्स हासिल कर पाए। टीम का मेन रेडर होते हुए इतने कम रेड पॉइंट्स दर्शा रहे हैं कि पूरे सीजन के दौरान गुजरात जायंट्स का रेडिंग में प्रदर्शन औसत दर्जे का क्यों रहा था।
टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस
मैच 116 – गुजरात जायंट्स vs बेंगलुरु बुल्स
गुजरात जायंट्स ने दसवें सीजन में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन बेंगलुरु बुल्स के खिलाफ किया था। टीम ने 11 फरवरी को कोलकाता में हुए मैच में बेंगलुरु बुल्स को 22 अंकों के अंतर से हराया था। इस मैच को गुजरात ने 50-28 के स्कोर से जीतने में सफलता पाई थी। इस मैच में रेडिंग में प्रतीक दहिया ने 13 और नितिन ने 7 पॉइंट्स हासिल किए थे। वहीं डिफेंस में फजल अत्राचली ने 6 और बालाजी डी ने भी 4 टैकल पॉइंट्स हासिल किए थे।
कोच का रिपोर्ट कार्ड
पीकेएल के नौवें सीजन में हेड कोच राम मेहर सिंह गुजरात जायंट्स को प्लेऑफ में नहीं पहुंचा पाए थे, लेकिन इस बार वो हर हालत में टीम को अगले राउंड में पहुंचाना चाहते थे। पूरे सीजन के दौरान उनके चेहरे पर आत्मविश्वास साफ झलक रहा था और उन्हें फजल अत्राचली की कप्तानी पर पूरा भरोसा था। दुर्भाग्यवश डिफेंडर्स अक्सर मैचों में बार-बार एडवांस टैकल की गलती करते हुए दिखाई दिए, वहीं कोच के प्रयासों के बावजूद टीम रेडिंग यूनिट में ज्यादा अच्छा नहीं कर पाई।
गुजरात जायंट्स को सीजन से क्या सीख मिली?
PKL 9 में गुजरात जायंट्स प्लेऑफ में तो पहुंची, लेकिन सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाए। टीम का कॉम्बिनेशन अच्छा था, लेकिन टीम की सबसे बड़ी कमी ये रही कि पूरे सीजन के दौरान कोई खिलाड़ी रेडिंग में लीड नहीं कर पाया, जो लगभग हर एक मैच में अच्छा कर सकता था। वहीं अगले सीजन में टीम को डिफेंस पर कंट्रोल करने पर ध्यान देना होगा।
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