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फुटबॉल समाचार

बाईचुंग भूटिया ने भारतीय खिलाड़ी को विदेशी क्लबों से खेलने की सलाह दी

Published at :August 8, 2020 at 11:04 PM
Modified at :August 8, 2020 at 11:06 PM
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riya


इंडियन फूटबॉल टीम के कैप्टन ने अपनी बात रखने के लिए गुरप्रीत सिंह संधू का उदाहरण पेश किया।

भारतीय टीम के पूर्व स्ट्राइकर और कप्तान बाईचुंग भूटिया का कहना है कि इंडियन फुटबॉल प्लेयर्स के लिए जरूरी है कि वह विदेशी क्लबों के लिए खेलने का रिस्क लें। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) टीवी के साथ लाइव चैट में उन्होंने अपने करियर और विदेशों में खेलने के कारण उसमें आए सुधार पर भी बातचीत की।

इंडिया के लिए 100 से भी ज्यादा मैच खेलने वाले बाईचुंग भूटिया ने कहा, "मैं सुझाव दूंगा कि युवा खिलाड़ियों को रिस्क लेकर बाहर के क्लबों के लिए खेलना चाहिए। मैं वेनकटेश की बात से सहमत हूं कि भारतीय खिलाड़ियों यूरोप की बड़ी लीगों में खेलने की जरूरत नहीं है वह चीन, जापान, कोरिया और कतर जैसे एशियाई देशों में भी खेल सकते हैं वहीं बेल्जियम जैसे देश भी अच्छे विकल्प हैं।"

बाईचुंग भूटिया अपने करियर में तीन विदेशी क्लबों की ओर से खेलें। वह पहले तीन साल तक इंग्लिश क्लब ब्यूरी एफसी की ओर से खेले वहीं इसके बाद मलेशिया के पेराक एफए और अंत में सेलनगोर एमके का हिस्सा बने।

एएफसी 'हॉल ऑफ फेम' में शामिल हो चुके इस स्ट्राइकर ने बताया कि विदेशों में ट्रेनिंग ने उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर बेहतर बनाया और उन्हें पता चला कि प्रोफेशनल फुटबॉल क्या होती है। बाईचुंग भूटिया ने कहा, "विदेशों में खेलने से आप काफी कुछ सीखते हैं। यह आपको बताता है कि प्रोफेशनल फुटबॉल क्या है और किस तरह फुटबॉल का बिजनेस काम करता है। एक खिलाड़ी के तौर पर आप काफी कुछ सीखते हैं जो आगे काम में आते हैं।"

उन्होंने गुरप्रीत सिंह संधू का उदाहरण दिया, जिन्होंने तीन साल नॉर्वेजियन क्लब स्टैबेक एफसी के साथ बिताए। वह यूईएफए यूरोपा लीग में खेलने वाले पहले भारतीय बने थे। हालांकि, साल 2017 में वह भारत लौट आए और 25 साल की उम्र में बेंगलुरु एफसी के साथ करार किया।

बाईचुंग ने गुरप्रीत के फैसले को अच्छा बताया। उन्होंने कहा, "गुरप्रीत एक अच्छा उदाहरण है। नॉर्वे के लिए खेलते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। यह क्लब आपको बहुत ज्यादा पैसा नहीं देते हैं लेकिन आपको कुछ त्याग करने पड़ते हैं। लेकिन इसका असर उनके खेल पर दिखता है।"

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