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बाईचुंग भूटिया: एशिया में सफल होने के लिए लगातार तैयार किए जाएं बड़े खिलाड़ी

Published at :August 26, 2020 at 8:26 PM
Modified at :August 26, 2020 at 8:26 PM
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riya


इंडियन फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान ने देश में फुटबॉल की स्थिति पर बात की।

दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया भारत के लिए 100 मैच खेलने वाले पहले प्लेयर थे। साल 2011 में रिटायरमेंट के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा, हालांकि खेल से उनका लगाव कम नहीं हुआ है। उन्होंने एआईएफएफ टीवी के साथ लाइव बातचीत के दौरान हाल के सालों में भारत में फुटबॉल में आए बदलावों के बारे में बात की और कहा कि अब ज्यादा मैचों का आयोजन होने लगा है साथ ही खिलाड़ियों को ज्यादा एक्सपोजर और इंफ्रास्टक्चर भी मिल रहा है।

बाईचुंग भूटिया ने कहा, "मौजूदा खिलाड़ियों को आज कल जिस तरह का समर्थन मिलता है, जिस स्तर पर वह खेलते हैं जैसा कोचिंग स्टाफ उन्हें मिला है हर चीज हमारे मुकाबले काफी बेहतर है। आज के समय में राष्ट्रीय टीम हमारे मुकाबले में तीन से चार गुना ज्यादा मैच खेलती है। हमें काफी कम मैच खेलने को मिलते थे और अकसर मुश्किल टीमों के खिलाफ क्वालिफिकेशन खेलते थे। आज कल के खिलाड़ियों को न सिर्फ ज्यादा मैच खेलने को मिलते हैं बल्कि ज्यादा एक्पोजर मिलता है जिससे खेल समय के साथ बेहतर हुआ है।"

उनके मुताबिक 2014 से शरू हुई इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के कारण भारतीय फुटबॉल में काफी सकारात्मक बदलाव आए हैं। आईएसएल के आने के बाद से ट्रेनिंग ग्राउंड, कोचिंग और पिचों का स्तर बेहतर हुआ है। उन्होंने बताया कि वह अपने समय में ऐसे ग्राउंड पर खेले जहां बॉल रोल भी नहीं होती थी, हालांकि उन्होंने ऐसे मैचों का लुत्फ उठाया और उसकी यादें उनके जहन में अब भी ताजा हैं।

बाईचुंग भूटिया को इस बात का अफसोस नहीं है कि वह आईएसएल का हिस्सा नहीं बन पाए, वह अपने करियर में मिले मौकों से खुश हैं। वह लगातार आईलीग में खेले और उन्हें इसपर गर्व है। उनको 1998 में अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था और साल 2008 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका मानना है कि नेशनल टीम के लिए शानदार खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए ग्रासरूट लेवल पर काम करना होगा।

उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय टीम के लिए हमें लगातार अच्छी क्वालिटी के खिलाड़ी तैयार करने की जरूरत है। हमारे पास फिलहाल अच्छे खिलाड़ी हैं पर हमें एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों से भिड़ना है हमें इसके लिए लगातार बड़े खिलाड़ियों को तैयार करने की जरूरत है। एआईएफएफ ग्रासरूट पर काफी ध्यान दे रही है। हमें लगातार ग्रासरुट पर काम करना होगा और उसे मजबूत बनाना होगा। राष्ट्रीय टीम के तौर पर हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम लगातार एएफसी एशियन कप और फीफा यूथ वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई करें।"

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