आईएसएल: पांच बदलाव जो हमें नए सीजन में देखने को मिल सकते हैं

हमें लीग के आगामी सीजन में कोरोना वायरस की वजह से कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
दुनियाभर के अन्य फुटबॉल लीग की तरह इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) पर भी इस बार कोरोना वायरस का असर पड़ने वाला है। सभी मुकाबले कहां खेले जाएंगे, मैच के दिन कितने प्लेयर्स को परमिशन मिलेगी और सोशल डिस्टेंसिंग समेत कई तरह के बदलाव हमें आईएसएल के 2020-21 सीजन में देखने को मिल सकते हैं।
लीग के अगले सीजन की शुरुआत नवंबर से होगी और मार्च तक इसका आयोजन होगा। देश में इस वक्त जिस तरह से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए फुटबॉल समेत किसी भी खेल का आयोजन होना मुश्किल है। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आईएसएल के सातवें सीजन में हमें क्या-क्या बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
5. स्टेडियम में फैंस को इजाजत नहीं
जिस तरह यूरोपियन लीग्स में फैंस को इजाजत नहीं दी गई, ठीक उसी तरह आईएएसएल में भी हमें ये बदलाव देखने को मिल सकता है। आईएसएल मैचों के दौरान हमें स्टेडियम में फैंस नहीं देखने को मिलेंगे, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो और कोरोना वायरस ज्यादा ना फैले।
हालांकि, खिलाड़ियों के लिए ये आसान नहीं होगा कि वो खाली स्टेडियम में खेलें लेकिन उन्हें खुद को हालात के मुताबिक ढालना होगा। पिछले सीजन का फाइनल मुकाबला भी बगैर फैंस के गोवा में खेला गया था।
4. एक ही राज्य में सभी मैचों का आयोजन
आईएसएल 2020-21 के सभी मैच एक ही राज्य में होंगे। केरल और गोवा इस रेस में सबसे आगे हैं क्योंकि उनके यहां बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है। एक ही राज्य में सभी मैचों का आयोजन कराने का मकसद है कि टीमें ज्यादा ट्रैवल ना करें जिससे वो सेफ रहें।
3. सभी टीमें बायो-सिक्योर बबल में रहेंगी
आईएसएल अथॉरिटी के ऊपर ये जिम्मेदारी रहेगी कि वो खिलाड़ियों और नान प्लेइंग स्टॉफ की सेफ्टी का पूरा ध्यान रखें। इसी वजह से सभी टीमों को बायो-सिक्योर बबल में रहना होगा। खिलाड़ियों को ये थोड़ा अजीब लग सकता है।
बायो-सिक्योर का मतबल टीमों को आइसोलेट किया जाएगा और एक गाइडलाइन के मुताबिक ही उन्हें चलना होगा। सभी टीमों को एक ही होटल में रखा जाएगा और उनको केवल ट्रेनिंग और चुनिंदा जगहों पर ही जाने की इजाजत दी जाएगी।
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2. पांच सब्सीट्यूशन
खेल नाओ ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि अगले आईएसएल सीजन से टीमों को पांच सब्सीट्यूट करने की इजाजत मिलेगी। यूरोपियन लीग्स में भी ऐसा ही हो रहा है। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन से इजाजत मिलने के बाद ये नियम लागू हो जाएगा। अगर यह नियम लागू हो गया तो फिर ये गेम चेंजिंग डिसीजन होगा। सभी टीमें इंजरी से बचने के लिए अब अपने खिलाड़ियों को ज्यादा सब्सीट्यूट करेंगी।
पांच सब्सीट्यूशन मिलने से एक फायदा यह होगा कि सभी खिलाड़ियों को खेलने का मौका ज्यादा मिलेगा। खेल नाओ के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में केरला ब्लास्टर्स के पूर्व कोच एल्को शैटोरी ने भी इस नए नियम पर खुशी जताई है।
1. प्लेयर्स को साइन करने के लिए टीमें कम पैसे खर्च करेंगी
कोरोना वायरस की वजह से कई टीमों को फाइनेंसियली काफी नुकसान हुआ है। केरला ब्लास्टर्स भी उन टीमों में से है जिनके ऊपर इसका काफी असर पड़ा है। केरला ब्लास्टर्स ने यहां तक कि अपने कई खिलाड़ियों को पे-कट करने को कहा है ताकि उन्हें ज्यादा नुकसान ना झेलना पड़े।
इसी वजह से केरला ब्लास्टर्स की टीम टीरि को साइन नहीं कर पाई। वो पे-कट लेने के लिए तैयार नहीं थे और खबरों के मुताबिक अब वो एटीके का हिस्सा बनने वाले हैं। ठीक इसी तरह से अन्य टीमें भी इस बार ज्यादा पैसे खिलाड़ियों को साइन करने के लिए खर्च नहीं करेंगी।
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