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फुटबॉल समाचार

फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स के लिए भारतीय फुटबॉल टीम की बेस्ट इलेवन

Published at :May 24, 2021 at 12:57 AM
Modified at :May 24, 2021 at 12:57 AM
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टूर्नामेंट में ब्लू टाइगर्स अगले महीने कतर, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भिड़ेंगे।

कतर में अगले महीने होने वाले फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स के लिए भारतीय फुटबॉल टीम के स्क्वॉड का ऐलान किया जा चुका है। जून में कतर, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का सामना करने के लिए 28 खिलाड़ियों का स्क्वॉड कतर पहुंच चुका है।

इगोर स्टीमाक ने अपने स्क्वॉड में युवा से लेकर बेहतरीन अनुभवी खिलाड़ियों का चयन किया है। ऐसे में एक सवाल ये उठ रहा है कि फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स में कोच की बेस्ट स्टार्टिंग इलेवन क्या होगी? उन इतने बड़े स्टेज का प्रैशर झेलने वाले अनुभवी फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ-साथ टॉप परफॉर्मर्स की जरूरत होगी।

गोलकीपर: गुरप्रीत सिंह संधू

टीम के गोलकीपर की बात की जाए तो बिना किसी बहस के गुरप्रीत सिंह संधू ही ज्यादातर की पहली पसंद हैं। ब्लू टाइगर्स के लिए उनका परफॉर्मेंस हमेशा बेहतरीन रहा है और उन्होंने घरेलू लीग्स में भी अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार रखा है। हालांकि, आईएसएल का उनका सीजन कुछ खास नहीं रहा, लेकिन फिर भी वो गोलकीपर के तौर पर पहली पसंद हैं। धीरज सिंह और अमरिंदर भी अच्छे परफॉर्मर रहे हैं, लेकिन संधू का अनुभव उन्हें इनसे आगे कर देता है और उनके पास इतने बड़े मुकाबलों का प्रैशर झेलने का अनुभव भी है।

राइट बैक: प्रीतम कोटाल

एटीके मोहन बगान से खेलने वाले प्रीतम कोटाल आईएसएल 2020-21 में परफॉर्म करने वाले सबसे बेहतरीन डिफेंडर्स में से एक थे। वो अक्सर सेंटर बैक पर खेलते हैं, लेकिन राइट बैक पर भी उनका प्रदर्शन कमाल का रहा है। उन्होंने आखिरी सीजन के 22 मुकाबलों में 75 टैकल, 81 क्लियरेंस और 46 इंटरसेप्शन किए थे। वो आने वाले मुकाबलों में विरोधी टीम के अटैकर्स को अच्छी खासी परेशानी दे सकते हैं और ये टीम के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है।

सेंटर बैक- चिंग्लेसाना सिंह

आईएसएल 2020-21 में हैदराबाद एफसी के लिए बेहतरीन फुटबॉल खेलकर चिंग्लेसाना ने सभी को हैरान कर दिया था। उन्होंने निजामों को लीग का तीसरा सबसे बेहतरीन डिफेंसिव रिकॉर्ड बनाने में अहम योगदान दिया। हैदराबाद एफसी ने 20 मुकाबलों में विरोधी टीम को महज 19 गोल ही करने दिए। 24 साल का ये खिलाड़ी अपने डिफेंसिव अंदाज से विरोधी अटैकर्स को परेशान कर सकता है। डिफेंस के अलावा भी ये खिलाड़ी कई आयामों पर बेहतरीन है। पिछले सीजन में उनकी पासिंग एक्युरेसी 84.34 फीसदी रही है, जिसका फायदा टीम बड़े मुकाबलों में उठा सकती है।

सेंटर बैक: संदेश झिंगन

आईएसएल के पिछले सीजन में संदेश झिंगन ने एटीके मोहन बगान के लिए शानदार वापसी की थी। एटीकेएमबी की इतनी सारी क्लीन शीट के पीछे झिंगन ही एक अहम नाम हैं। वो टीम के डिफेंसिव सिस्टम में फिट बैठे और उन्होंने आक्रामक डिफेंस को आगे से लीड किया। झिंगन बीते आईएसएल सीजन के सबसे बेहतरीन डिफेंडर्स में से एक रहे और अपनी टीम को फाइन तक ले गए। 27 साल का ये खिलाड़ी फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफाइर्स के सभी फुटबॉल मुकाबलों में जरूर खेलता हुआ दिखाई देगा और इनके कंधों पर क्लीन शीट बरकरार रखने का दारोमदार होगा।

लेफ्ट बैक: आकाश मिश्रा

हाल ही में भारत ने जितने भी इंटरनेशनल फ्रैंडली मैच खेले हैं उनमें लेफ्ट बैक के लिए आकाश मिश्रा कोच की पहली पसंद बन चुके हैं। आईएसएल के पिछले सीजन में इस युवा फुल बैक का प्रदर्शन हैदराबाद के लिए काफी शानदार रहा है। 20 मुकाबलों में मिश्रा ने 80 टैकल, 55 इंटरसेप्शन और 48 क्लियरेंस किए और बड़े-बड़े विंगर्स का डट कर सामना किया। फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स में उनकी जगह सिर्फ शुभाशीष बोस ले सकते हैं, लेकिन मिश्रा बोस से परफॉर्मेंस के मामले में कहीं ज्यादा बेहतर दिखे हैं। तो अगर कोच हर मुकाबले की शुरुआत में मिश्रा को मैदान पर उतारें तो ये हैरानी की बात नहीं होगी।

ये हो सकती है इंडियन टीम।

सेंट्रल मिडफील्ड: ग्लैन मार्टिंस

एएफसी में एफसी गोवा के लिए ग्लैन मार्टिंस ने शानदार एंट्री ली और भारतीय फुटबॉल फैंस के दिलों में जगह बना ली। बेहतरीन एनर्जी, टैकलिंग की क्षमता और मजबूत डिफेंस- ग्लैन के प्रमुख हथियार हैं, जिनके बूते गोवा पूरे कैंपेन में बेहतरीन फॉर्म में दिखी। आईएसएल के पिछले सीजन में भी उनका प्रदर्शन अच्छा रहा था और उन्होंने मुंबई सीटी के खिलाफ एफसीगोवा की तरफ से बेहतरीन गोल भी दागा था। एसीएल में उनके प्रदर्शन से ये साफ लगता है कि वो लालेंगमाविया और रॉलिन बोर्जेस की तुलना में बड़े मुकाबलों के लिए ज्यादा तैयार हैं।

सेंट्रल मिडफील्ड: अनिरुद्ध थापा

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय टीम ने जब भी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन किया है, तब-तब अनिरुद्ध थापा उस टीम का हिस्सा जरूर रहे हैं। इस युवा मिडफिल्डर का आखिरी आईएसएल सीजन चेन्नईयन एफसी के साथ उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन फिर भी वो भारत के सबसे बेहतरीन मिडफिल्डर्स में से एक हैं। थापा, स्टीमाक के तरीकों से पूरी तरह वाकिफ हैं और खेल को मोड़ने की क्षमता रखते हैं। मार्टिन के सपोर्ट के साथ वो कभी भी फॉरवर्ड में जा सकते हैं और अपनी चालबाजी भरी पासिंग स्किल्स से कई मौके बना सकते हैं। इस युवा खिलाड़ी से टीम को काफी मजबूती मिल सकती है।

राइट विंग: बिपिन सिंह

आईएसएल के 2020-21 सीजन में बिपिन सिंह मुंबई सिटी की जीत का एक अहम हिस्सा रहे। 26 साल के इस युवा खिलाड़ी ने मुंबई के लिए छह गोल दागे और चार असिस्ट किए और इसी के साथ वो टीम के सबसे सफल घरेलू खिलाड़ी साबित हुए। हाल ही में होने वाले अंतरराष्ट्रीय फ्रैंडली मुकाबलों में बिपिन ने ये साबित किया है कि वो नेशनल टीम के लिए भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। बिपिन का मूवमेंट और खेल को जोड़े रखने का तरीका उन्हें टीम के लिए और अहम बना देता है। लालियानजुआला छांगते और उदांता सिंह के फॉर्म में न होने के चलते बिपिन राइट विंग के लिए पहली पसंद बन गए हैं।

अटैकिंग मिडफील्ड: ब्रेंडन फर्नांडिस

भारतीय फुटबॉल के मौजूदा बेहतरीन मिडफिल्डर्स में ब्रेंडन फर्नांडिस का नाम सबसे ऊपर आता है और इसकी बानगी उन्होंने एसीएल में दी है। पर्सेपोलिस और अल रय्यान के खिलाफ दागे गए गोल में उन्होंने बेहतरीन पास के जरिए असिस्ट किया था। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि गोल करने और मुकाबले जीतने में भारतीय टीम ब्रेंडन पर निर्भर रहेगी।

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लेफ्ट विंग: सुनील छेत्री

हाल ही में हुए अंतरराष्ट्रीय फ्रैंडली मुकाबलों में भारत को सुनील छेत्री की कमी खली थी। ब्लू टाइगर्स के अटैक में कई मौकों पर वो धार नहीं दिखी थी, जो छेत्री की मौजूदगी में होती है। लेकिन अब फिट और कोविड-फ्री छेत्री टीम के नेतृत्व के लिए तैयार हैं। पिछले महीने एएफसी कप क्वालिफायर्स के लिए त्रिभुवन आर्मी के खिलाफ बड़ी जीत में छेत्री ने गोल दागते हुए अपने फॉर्म में होने का उदाहरण दे दिया है। आने वाले मुकाबलों में टीम को छेत्री के नेतृत्व से बहुत मदद मिलेगी।

स्ट्राइकर: मनवीर सिंह

अगर नंबर-9 की बात करें तो भारत के पास सबसे बेहतरीन खिलाड़ी मनवीर सिंह ही हैं। एटीके मोहन बगान के इस स्ट्राइकर की फिनिशिंग की क्षमता कई टीमों को परेशान कर सकती है। आईएसएल के पिछले सीजन में छह और ओमान के खिलाफ फ्रैंडली मुकाबले में एक गोल दागने के बाद मनवीर का मनोबल काफी मजबूत होगा। काफी बड़े इलाके में मडराने की उनकी क्षमता विरोधी डिफेंडर्स को परेशान करते हुए टीम के लिए कई मौके बना सकती है। अगर टीम को आने वाले मुकाबलों में गोल दागते हुए जीत हासिल करनी है तो मनवीर का बेहतरीन प्रदर्शन करना काफी अहम है।

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