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युआन फेरांडो के सामने एफसी गोवा के हेड कोच के तौर पर पांच चुनौतियां

Published at :October 27, 2020 at 9:33 PM
Modified at :October 27, 2020 at 9:33 PM
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Rahul Gupta


फैंस चाहेंगे कि पिछले सीजन की तरह इस बार भी टीम के जीत का क्रम बरकरार रहे।

​किसी भी टॉप टीम का कोच बनना खतरे से खाली नहीं होता है। इस दौरान आपका करियर कोच के तौर पर या तो चमक सकता है या फिर बर्बाद भी हो सकता है। इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में एफसी गोवा के हेड कोच युआन फेरांडो के सामने इस सीजन भी कुछ इसी तरह की चुनौतियां होंगी।

एफसी गोवा की टीम काफी नई है। विदेशी खिलाड़ियों का कोर बदल चुका है और कई अहम भारतीय खिलाड़ी भी अब टीम का हिस्सा नहीं हैं। 39 साल के हेड कोच की अगुवाई में गौर्स अब एक नए एरा की शुरुआत करेंगे।

युआन फेरांडो के पास काफी अनुभव है और उन्होंने मलागा की यूथ टीम समेत यूरोप के कई सीनियर टीमों की कोचिंग की है। इतने कम उम्र का होने के बावजूद उन्होंने कोचिंग में काफी एक्सपीरियंस हासिल कर लिया है। हालांकि, गोवा की टीम को मैनेज करना उनके लिए आसान नहीं होगा। हम आपको बताते हैं कि वो कौन-कौन सी चुनौतियां हैं जो एफसी गोवा के हेड कोच के तौर पर उनके सामने हैं:

5. टीम में जोश बनाए रखने के लिए नए लीडर्स की नियुक्ति करना

ऑफ सीजन के दौरान एफसी गोवा ने कई सारे अहम खिलाड़ियों को गंवा दिया। सबसे अहम बात ये है कि कई खिलाड़ी जो ड्रेसिंग रूम का माहौल खुशनुमा रखते थे और फ्रंट से लीड कर सकते थे वो अब टीम का हिस्सा नहीं हैं। मंदार राव देसाई, अहमद जोहू, मोउतर्दा फॉल, फेरान कोरोमिनास और हूगो बोउमोस जैसे खिलाड़ी अब टीम में नहीं हैं। ऐसे में अब इनकी जिम्मेदारियां दूसरों को देने का काम युआन फेरांडो को करना है।।

लेनी रॉड्रिगेज, सेरिटन फर्नांडीज और ईदू बेदिया जैसे खिलाड़ी सालों से टीम का हिस्सा हैं और इस काम के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं। फेरांडो को सीनियर प्लेयर्स को मैदान के अंदर और बाहर भी अच्छी तरह से हैंडल करना होगा और उन्हें इतनी छूट देनी होगी कि वो अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। अगर ये प्लेयर आगे आकर जिम्मेदारी उठाते हैं और यंगस्टर्स को मोटिवेट करते हैं तो फिर टीम का माहौल काफी अच्छा रहेगा और ये काफी जरुरी भी है।

4. डिफेंसिव कोर को फिक्स करना

एफसी गोवा की टीम ने पिछले सीजन जबरदस्त प्रदर्शन जरुर किया था लेकिन उनके डिफेंस में कुछ कमियां भी थीं। शायद इसी वजह से वो आईएसएल का खिताब नहीं जीत पाए। लीग स्टेज में गोवा ने 23 गोल खाए थे जोकि चौथे नंबर पर मौजूद चेन्नईयन एफसी से सिर्फ एक कम है। इस सीजन मोउतर्दा फॉल भी टीम का हिस्सा नहीं हैं।

मंदार और कार्लोस पेना भी जा चुके हैं, ऐसे में गौर्स को अब नई बैकलाइन तैयार करनी होगी। इवान गोन्जालेज और गटाफे ग्रेजुएट अल्बर्टो नोगुएरा ऑस्ट्रेलियन डिफेंडर जेम्स दोनाची के साथ टीम का हिस्सा हैं लेकिन कोच को इन तीनों विदेशी प्लेयर्स का चतुराई से उपयोग करना होगा।

इन डिफेंडर्स के पास काफी अनुभव और लीडरशिप क्वालिटी है जिससे ये सेरिटोन, सेवियर गामा और मोहम्मद अली की मदद कर सकते हैं। हालांंकि, इसके बावजूद युआन फेरांडो को अपने डिफेंस को मजबूत करने की जरुरत है। अगर डिफेंडर्स को मोटिवेट किया गया और उन्होंने अनुशासन दिखाया तो वो पिछले सीजन से अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

3. युवा खिलाड़ियों से उनका बेस्ट निकलवाना

एफसी गोवा की टीम में इस सीजन कई जबरदस्त युवा भारतीय खिलाड़ी हैं। इशान पंडित, फ्रांगकी बुआम, माकन छोटे और रिडीम त्लांग जैसे युवा प्लेयर इस सीजन गोवा की टीम में हैं। हालांकि टीम के बैलेंस के हिसाब से फेरांडो को इन खिलाड़ियों को काफी अच्छी तरह से रोटेट करना होगा। इन सभी युवा प्लेयर्स के पास टैलेंट तो काफी है लेकिन अपने आपको एक्सप्रेस करने के लिए इन्हें पूरी आजादी और गाइडेंस भी चाहिए होगी। अगर युआन फेरांडो इन युवा खिलाड़ियों के क्वालिटी के हिसाब से उनका सही प्रयोग करते हैं तो फिर एफसी गोवा के अटैक में एक जबरदस्त स्पार्क देखने को मिल सकता है।

2. नए विदेशी खिलाड़ियों के लिए ट्रांजिशन को आसान करना

कई नए विदेशी खिलाड़ी इस सीजन एफसी गोवा की टीम का हिस्सा होंगे। तीन स्पेनिश प्लेयर्स गौर्स ने साइन किए हैं। इसके अलावा गोन्जालेज, नोगुएरा, ऑस्ट्रेलियन डिफेंडर जेम्स डोनाशी को भी गोवा ने इस सीजन के लिए साइन किया है। वहीं इगोर एंगुलो भी टीम का हिस्सा हैं। इन सभी प्लेयर्स के लिए कोच को चीजें आसान करनी होंगी ताकि नई टीम में तालमेल बिठाने में इन्हें कोई दिक्कत ना हो।

अपने पिछले क्लब के लिए 36 वर्षीय खिलाड़ी ने 130 मैचों में 80 गोल किए थे। वो कोरोमिनास की तरह एक गोल मशीन हैं लेकिन अब ये फेरांडो के ऊपर है कि वो उनका उपयोग किस तरह करते हैं। मिडफील्डर जॉर्ज ऑर्टिज को भी मिडफील्ड मजबूत करने के लिए साइन किया गया है। अब देखना ये है कि कोच ऑर्टिज से उनका बेस्ट कैसे निकलवाते हैं। जितनी जल्दी वो एक नया सेटअप तैयार कर लेंगे और घरेलू एवं विदेशी खिलाड़ी आपस में बेहतरीन तरीके से घुल-मिल जाएंगे उतना ही टीम के लिए अच्छा होगा।

1. एफसी गोवा का अटैकिंग स्टाइल बरकरार रखना

युआन फेरांडो के सामने सबसे बड़ी चुनौती एफसी गोवा के डोमिनेंस को बरकरार रखने की होगी। सालों से गोवा की टीम अपने बेहतरीन फ्री फ्लोइंग अटैकिंग फुटबॉल के लिए जानी जाती रही है और इस सीजन भी नए हेड कोच को वो चीज बरकरार रखनी होगी। एफसी गोवा ने पिछले आईएसएल सीजन में ज्यादातर जीत काफी बड़े गोल मार्जिन से दर्ज किए थे, इससे पता चलता है कि उनका अटैक कितना जबरदस्त था।

फेरांडो को अपनी टीम को बेहतरीन तरीके से ट्रेन करना होगा, ताकि सभी खिलाड़ियों को अपने-अपने रोल के बारे में अच्छी तरह से पता चल जाए। बेहतरीन अटैक के लिए उन्हें अपने नए विदेशी खिलाड़ियों और डोमेस्टिक स्टार प्लेयर्स पर निर्भर रहना होगा।

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