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निशु कुमार: गोल ने इंडियन टीम के लिए मेरे डेब्यू को परफेक्ट बनाया

Published at :May 24, 2020 at 12:02 AM
Modified at :May 24, 2020 at 12:02 AM
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Neeraj


22 वर्षीय डिफेंडर ने करियर की शुरुआत, बेंगलुरु एफसी में अपने समय और तमाम चीजों पर बात की है।

बेंगलुरु एफसी के डिफेंडर निशु कुमार हाल ही में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के इंस्टाग्राम हैंडल पर अनंत त्यागी के साथ लाइव बातचीत करते हुए नजर आए थे। अपने घर मुजफ्फरनगर से बात करते हुए उन्होंने फुटबॉल में शुरुआत से लेकर अब तक के अपने सफर पर बातचीत की।

फुटबॉल की शुरुआत पर निशु कुमार ने कहा, "मेरे यहां सारे लोग क्रिकेट खेलना पसंद करते थे, लेकिन मैं पास के ग्राउंड में फुटबॉल खेलता था। मुझे लगा कि मैं इसमें करियर बना सकता हूं। मैं चंडीगढ़ फुटबॉल अकादमी में ट्रॉयल देकर आया तो लगा कि चीजें सही नहीं होंगी, लेकिन फिर सब अच्छा होता चला गया।"

2015 में बेंगलुरु एफसी आने पर निशु कुमार को पहले साल ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला तो उनके मन में कई तरह के सवाल चलने लगे थे। उन्होंने एश्ले वेस्टवुड से उनके ऑफिस में जाकर भी पूछा था कि आखिर उन्हें खेलने का मौका क्यों नहीं मिल रहा है।

उन्होंने बताया, "वेस्टवुड ने कहा कि तुम्हें मौका मिलेगा और तुम भविष्य के खिलाड़ी हो। तुम भविष्य के प्लान में हो और कड़ी मेहनत करते रहो तुम्हें जरूर मौका मिलेगा। मुझे याद है कि उन्होंने एफसी कप के मैच में मुझे मौका दिया था। मुझे यकीन नहीं था कि मैं आइएसएल या आईलीग जैसी किसी लीग में खेलूंगा।"

अल्बर्ट रोका के अंडर उन्हें बेंगलुरु की सीनियर टीम में जाने का मौका मिला और रोका ने निशु कुमार को ढेर सारे मैच खेलने का मौका दिया। उन्होंने बताया कि पहले साल नौ मैच खेलने का मौका पाकर वह बहुत खुश थे और यह भी बताया कि कोच ने उनसे कहा था कि वह बेहतरीन काम कर रहे है

बेंगलुरु के कप्तान सुनील छेत्री के बारे में बात करते हुए डिफेंडर ने बताया कि छेत्री भाई उन्हें अक्सर डांटते हैं और लगातार कठिन मेहनत करने के लिए बोलते हैं।उन्होंने कहा, "वह लेजेंड हैं और मेरे बड़े भाई जैसे हैं। हालांकि, वह जितना मेरे ऊपर चिल्लाते हैं उतना दूसरों पर नहीं चिल्लाते। शुरुआत में मैं उनके साथ खेलकर निराश होता था। अभी भी वह मेरे ऊपर चिल्लाते हैं और उनके साथ खेलना काफी खतरनाक है।"

निशु ने आगे बताया कि उन्होंने जॉन जानसन और हरमनजोत खाबरा से काफी कुछ सीखा है। उन्होंने बताया कि जॉनसन को ट्रेनिंग के दौरान भी हारना पसंद नहीं है तो वहीं खाबरा के साथ उनकी हर जगह लड़ाई होती रहती है।

इंडियन फुटबॉल टीम के लिए डेब्यू मैच में गोल दागने वाले निशु बेहद कम भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने अपने परफेक्ट डेब्यू की स्टोरी भी शेयर की।

उन्होंने कहा, "हमारी फ्लाइट लेट हो गई थी और हम बिना सोए और अच्छी ट्रेनिंग के ही मैच खेलने के लिए उतरे थे। मैं राइट विंगर के तौर पर खेल रहा था। जर्मनप्रीत सिंह के असिस्ट और अनिरुद्ध थापा की डमी के कारण मैं फ्री हो गया और गोल दाग सका। यह मेरे लिए परफेक्ट डेब्यू था, लेकिन अफसोस कि हम मैच हार गए। सीनियर्स ने गोल के लिए मुझे विश किया था।"

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