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राहुल केपी : मैं इंडियन फुटबॉल टीम का बेस्ट प्लेयर बनना चाहता हूं

Published at :February 13, 2021 at 4:34 PM
Modified at :February 13, 2021 at 4:34 PM
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Rahul Gupta


केरला ब्लास्टर्स के खिलाड़ी ने अपनी महत्वाकांक्षाओं के बारे में बताया।

​इंडियन फुटबॉल टीम के लिए फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप में खेल चुके युवा प्लेयर राहुल केपी ने एक बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वो भारत के बेस्ट प्लेयर बनना चाहते हैं और सुनील छेत्री जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड्स को तोड़ना चाहते हैं।

एआईएफएफ टीवी से बातचीत में राहुल केपी ने कहा, "मैं अपने देश का बेस्ट फुटबॉलर बनना चाहता हूं और इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं। जिन भी खिलाड़ियों ने इतिहास रचा है वे भी इंसान हैं। उदाहरण के लिए अगर सुनील छेत्री ने भारत के लिए इतने सारे गोल किए हैं तो मैं उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहता हूं। मैं अपने लिए इसे एक चैलेंज के रूप में देखता हूं। अगर मैंने अपने आप से उम्मीदें कम रखीं तो मैं कहीं नहीं पहुंचुंगा।"

"अगर मैंने अपने आप से उम्मीदें ज्यादा रखीं और इसके लिए कड़ी मेहनत की तो मुझे कुछ जरुर हासिल होगा। कड़ी मेहनत कभी बर्बाद नहीं जाती है। मैं भारत का बेस्ट प्लेयर बनना चाहता हूं और इसके लिए हरसभंव कोशिश करुंगा।"

उन्होंने कहा, "मैं अभी भी युवा प्लेयर हूं और जो करना चाहता हूं मुझे वैसा होना पड़ेगा। अगर मैं टॉप लेवल पर सुनील छेत्री जैसे खिलाड़ियों को देखूं तो इन सभी ने इतिहास रचा है और कई सारे रिकॉर्ड्स इनके नाम हैं। इस वक्त मैं जैसा प्लेयर हूं वो मेरी कमजोरी है। लेकिन आने वाले सालों में मैं जहां होने जा रहा हूं वो मेरा स्ट्रेंथ है।"

"मेरे सामने देश में सबसे बेस्ट फुटबॉलर बनने की चुनौती है। इसलिए मुझे उन प्लेयर्स को फॉलो करना होगा जो टॉप लेवल पर टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मुझे ये सोंचना होगा कि मैं कहां पर हूं और अगर मैं उनके करीब नहीं हूं तो ये मेरी कमजोरी है।"

एआईएफएफ एकेडमी यूथ डेवलपमेंट प्रोडक्ट के तौर पर राहुल केपी ने फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए तैयारी की थी और उसमें हिस्सा लिया था। वो दो साल हीरो आई-लीग में इंडियन एरोज की भी एआईएफएफ डेवलपमेंट साइड का हिस्सा रहे। उस दौरान उन्होंने 37 मैचों में पांच गोल किए। इस वक्त वह आईएसएल में केरला ब्लास्टर्स की टीम का हिस्सा हैं।

राहुल केपी ने कहा, "पांच साल पहले जब हम वर्ल्ड कप की तैयारी कर रहे थे तो जो मैं इस वक्त कर रहा हूं मुझे इससे काफी ज्यादा उम्मीदें थीं। लेकिन जो मैं कर रहा हूं उससे भी मुझे खुश होना होगा, क्योंकि लाइफ पर मेरा कंट्रोल है।"

"मैं विदेश जाकर खेलना चाहता हूं और अपने आपको साबित करना चाहता हूं। मेरे अंदर कड़ी मेहनत करने की इच्छाशक्ति है और मैं ऐसा करुंगा। अपने देश के लिए खेलना भी मेरा एक सपना है। मैंने अपने क्लब के साथ पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट किया है और इस दौरान मैं ट्रॉफीज जीतना चाहता हूं। फुटबॉल में इंजरी काफी होती हैं और आप कह नहीं सकते हैं कि इन पांच सालों में क्या हो सकता है। इसलिए आपको हर स्थिति के लिए तैयार होना होगा।"

उन्होंने अपनी असफलता और आलोचना को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, "असफलताओं से मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है और लोग जब आलोचना करते हैं तो फिर मैं और आगे बढ़ना चाहता हूं। मुझे याद है कि ईस्ट बंगाल के खिलाफ जो कॉर्नर मैंने दिया था उससे हमें दो प्वॉइंट्स का नुकसान हुआ था और इसके बाद मुझे काफी खराब मैसेज आए थे, लेकिन इससे मैं और मजबूत हुआ। मैंने अपनी गलती मानकर आगे बढ़ने का फैसला किया। जो लोग मुझे जानते हैं उन्हें पता है कि मैं कैसा हूं। जब लोग कहते हैं कि मैं कुछ नहीं कर पाउंगा तो फिर इससे मुझे उन्हें गलत साबित करने की प्रेरणा मिलती है।"

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