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विनीत राय: ऐसा प्लेयर बनना चाहता हूं जिस पर इंडियन टीम भरोसा कर सके

Published at :May 26, 2020 at 10:43 PM
Modified at :May 26, 2020 at 10:43 PM
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Neeraj


युवा खिलाड़ी ने अपने सफर, फेवरेट कोच और अन्य कई चीजों पर खुलकर बात की।

इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के इंस्टाग्राम लाइव पर ओडिशा एफसी के मिडफील्डर विनीत राय से अनंत त्यागी ने खास बातचीत की और इस दौरान विनीत ने अपने दादाजी को याद किया जो ऑयल इंडिया के प्लेयर थे। बचपन से ही वह बड़े स्टेज पर खेलकर अपने दादा की इच्छा को पूरा करना चाहते थे।

अपने पिता के बारे में विनीत राय ने कहा, "वह हफ्ते के छह दिन मेरे साथ ट्रेनिंग करते हैं और मेरी हर गलती के बारे में मुझे बताते हैं। चेन्नईयन एफसी के खिलाफ अपना पहला प्रोफेशनल गोल दागने के बाद मैंने सबसे पहले पापा को कॉल किया था, लेकिन उन्होंने नॉर्मल रिस्पॉन्स ही दिया था। इससे मुझे समझ आया कि वह मुझसे और बेहतर प्रदर्शन चाहते हैं।"

ग्रासरूट लेवल पर खेलते समय झेली गई सबसे बड़ी परेशानियों के बारे में पूछने पर विनीत राय ने कहा कि उन्हें प्लेइंग टाइम नहीं मिल पाता था। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली डॉयनामोज ज्वाइन करने के बाद ही उन्हें रेगुलर खेलने का मौका मिला था।

उनके फुटबॉल करियर की शुरुआत उनके घर डिब्रूगढ़ से शुरु हुई थी और फिर उन्होंने जमशेदपुर की टाटा अकादमी ज्वाइन की जहां उन्होंने 2010 से 2014 तक ट्रेनिंग हासिल की। इसके बाद वह गोवा की डेम्पो और फिर आईएसएल की केरला ब्लास्टर्स पहुंचे। हालांकि, डेम्पो में दो साल बिताने के बाद वह केवल दो बार ही स्टार्ट कर सके तो वहीं केरला में भी उन्हें दो ही मौके मिले।

जोसेफ गंबाउ और स्टीव कॉपेल में बेस्ट चुनने के सवाल पर विनीत राय ने कहा, "कॉपेल ने मुझे रोज और मेहनत करने के लिए पुश किया और वहीं मैं प्रोफेशनल बना। हालांकि, मैं गंबाउ को सलेक्ट करूंगा क्योंकि उन्होंने दो साल में मुझे विकसित किया है।"

दिल्ली के साथ शुरुआती दौर के बारे में विनीत राय ने कहा, "मैं काफी युवा था और लगातार 7-8 मुकाबले हारना मेरे लिए काफी डरावना था। इसका मेरे कॉन्फिडेंस लेवल पर सीधा असर पड़ा था।"

ओडिशा के साथ अब तक के अपने सफर के बारे में बात करते हुए उन्होंने ने क्लब के सभी फैंस ग्रुप को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, "फैंस हमे खेलने के लिए थोड़ी एक्स्ट्रा एनर्जी देने के साथ ही मोटिवेशन और कॉन्फिडेंस भी देते हैं। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम की अपेक्षा कलिंगा स्टेडियम में अटेंडेंस और फैन फॉलोविंग काफी अच्छी थी।"

सीजन के अंत में कुछ खराब मैचों की वजह से ओडिशा ने प्ले-ऑफ में जाने का मौका गंवा दिया था। अरिदाने सेंटाना को लगी चोट उनका लय बिगाड़ने का सबसे बड़ा कारण थी। विनीत ने बताया कि अरिदाने काफी सरल स्वभाव के हैं और वह किसी पर चिल्लाते नहीं हैं।

विदेशी स्टार्स के साथ खेलने के अनुभव के बारे में उन्होंने कहा, "इससे मुझे प्रेरणा मिलती है। खास तौर से मार्कस तेबार की लीडरशिप स्किल काफी अच्छी है। वह पब्लिक में आपसे कुछ नहीं कहेंगे। कभी भी उन्हें मेरी गलती सुधारनी होती थी तो वह मेरे कमरे में आते थे।"

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