कबड्डी का उदय, नियम और प्रो कबड्डी लीग

(Courtesy : ProKabaddiLeague)
भारतीय उप-माहाद्वीप के लोकप्रिय खेलों में से एक है|
कबड्डी भारत तथा इसके आस-पास के देशों में प्राचीन जमाने से ही खेला जाता रहा है| इन इलाकों में यह लोकप्रिय खेलों में से एक है| प्रो- कबड्डी लीग (पीकेएल) की शुरुआत होने से भारत में कबड्डी की दशा और दिशा बदल चुकी है| इस खेल के कमर्शियल होने से अभी इसके साथ काफी संख्या में दर्शक भी जुड़ रहे हैं|
हालांकि, आज भी कबड्डी को वर्ल्ड स्टेज पर काम ही लोग जान पाए हैं| उदाहरण के लिए 2016 में हुए कबड्डी वर्ल्ड कप में 12 देशों ने भाग लिया था| इसमें से मात्र 4 ही ऐसी टीम थी जो एशिया के बाहर की थी- अर्जेन्टीना, केन्या, यूएसए और पोलैंड| इनमें से कोई भी टीम सेमी-फाइनल में नहीं पहुँच सकी| यूएसए, पोलैंड और अर्जेन्टीना की टीम तो अपने ग्रुप में भी बाकी टीमों से काफी पीछे रही| इन सब से यह साबित होता है कि कबड्डी अभी भी एशिया के बाहर अधिक चर्चित नहीं हो पाई है|
कबड्डी का उदय
ऐसा माना जाता है कि कबड्डी मुख्य रूप से भारतीय उप-महाद्वीप में काफी समय से खेला जाता रहा है| समय के साथ यह खेल विकसित होते हुए आज एक पेशेवर खेल के रूप में अपने आप को स्थापित कर चुका है| कबड्डी तमिल शब्द ‘कै-पिडी’ से बना है| कै का अर्थ हाथ है और पीडि का अर्थ पकड़ना है, इसका शाब्दिक अर्थ हाथ पकड़े रहना है| अन्य जगह जैसे नेपाल में इसे ‘कपर्डी’ और आंध्र प्रदेश में ‘चेडुगुडू’ के नाम से जाना जाता है| हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश का यह राष्ट्रीय खेल है|
बीसवीं सदी में इस खेल को दक्षिण एशिया में चाव के साथ खेला जाता था| 1923 में एक ऑल-इंडिया कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था जहाँ एक कमिटी ने इस खेल को खेले जाने से संबंधित कुछ नियम और कानून बनाए थे|
1950 में द ऑल इंडिया कबड्डी फेडरेशन अस्तित्व में आई और उसके बाद 1952 में पहली बार सीनियर मेंस नैशनल्स का आयोजन हुआ| इसके बाद 1972 में अमच्चयोर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना हुई| इस संस्था ने भारत तथा पड़ोसी देशों में कबड्डी के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है| जूनियर लेवल के राष्ट्रीय टूर्नामेंट होने शुरू हुए और फिर भारत में कबड्डी के खेल के लिए एक उचित फ्रेमवर्क का निर्माण हुआ|
कबड्डी के नियम
प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं, लेकिन एक स्टैन्डर्ड कबड्डी मैच के दौरान एक टीम की ओर से सात खिलाड़ी ही खेलते हैं| शेष पांच खिलाड़ी सब्स्टीट्यूट के तौर पर मौजूद रहते हैं|पुरुष और महिला कबड्डी टीम के लिए खेलने वाले क्षेत्र का माप अलग-अलग होता है| पुरुष के लिए जहाँ मैदान का माप 33 फुट x 43 फुट होता है वहीं महिलाओं के लिए इसका माप 26 फुट x 39 फुट होता है|

मैच में 20-20 मिनट के दो हाफ तथा पांच मिनट का विश्राम होता है| एक हाफ खत्म होने के बाद दोनों टीम अपना-अपना पाला बदल लेती हैं| महिलाओं के मैच में प्रत्येक हाफ 15-15 मिनट के होते हैं| पुरुषों की कबड्डी में मिड-लाइन से 3.75 मीटर की दूरी पर एक लाइन होता है जिसे बोल्क-लाइन भी कहते हैं| रेड करने वाले को रेडर कहते हैं| एक रेडर को पॉइंट्स लेने के लिए अपने विपक्षी पाले के बोल्क-लाइन को पार करना पड़ता है और उसे बिना टैकल हुए अपने पाले तक सुरक्षित वापस आना होता है|अगर खिलाड़ी बोल्क-लाइन से पहले ही किसी विपक्षी खिलाड़ी को छू लेता है तो वह वापस अपने पाले में लौट सकता है|
हर रेड अधिकतम 30 सेकंड का होता है और खिलाड़ी को अपने रेड के समय ‘कबड्डी-कबड्डी’ बोलना होता है जो रेड के दौरान रेफरी को सुनाई देता रहे| इससे यह पता चलता है कि रेड की पूरी प्रक्रिया एक ही साँस में पूरी हुई है|
महत्वपूर्ण है बोनस प्वॉइंट अर्जित करने की कला
जो टीम डिफेन्ड करता है वह रेडर को अपने पाले में वापस जाने से रोकता है| रेडर को डिफेन्ड कर रहे टीम के घेरे से बचकर या उसे तोड़कर अपने पाले के मैट को छूना होता है, तब रेडर विपक्षी टीम के जीतने खिलाड़ियों को रेड के दौरान छूकर लौटता है उसके टीम को उस हिसाब से पॉइंट्स मिलते हैं| रेड के दौरान रेडर जीतने भी विपक्षी खिलाड़ियों को छूकर आउट करता है उसके पाले के उतने ही खिलाड़ी वापस आ जाते हैं| जो टीम में पहले आउट होता है वह पहले वापस आता है|
कबड्डी के खेल के दौरान यह प्रक्रिया बार-बार चलता रहता है इसलिए आउट हुआ प्रत्येक खिलाड़ी इस स्थिति में रहता है कि वह खेल में कभी भी शामिल हो सकता है| यह प्रक्रिया खेल की इन्टेन्सिटी और दिलचस्पी को बनाए रखती है| हालांकि, जब एक पाले के सभी सात खिलाड़ी दूसरे टीम के द्वारा आउट कर दिए जाते हैं तब उस टीम को ऑल-आउट माना जाता है| आउट करने वाली टीम को एक्स्ट्रा दो अंक मिलते हैं| इसके बाद 7-7 सदस्यों के साथ मैच री-स्टार्ट कर दिया जाता है| खेल के दौरान कई बार टीमें ऑल-आउट होती हैं, लेकिन खेल का परिणाम 40 मिनट पूरा होने के बाद ही निकलता है|
बोल्क-लाइन से एक मीटर पर एक बोनस-लाइन होती है| अगर एक रेडर उस बोनस लाइन को पार करके सफलतापूर्वक अपनी रेड पूरी कर लेता है तो उसे एक बोनस पॉइंट दिया जाता है| ‘टो-टच’ कला का प्रयोग बोनस पॉइंट लेने में सहायक होता है| भारतीय कबड्डी खिलाड़ी अनूप कुमार इस कला में माहिर हैं| हालांकि, बोनस पॉइंट लेकर कोई अपने खेमे के आउट हुए खिलाड़ी को वापस नहीं कर सकता|
प्रो-कबड्डी लीग के द्वारा बनाए गए नए नियम
बदलते समय के साथ दर्शकों की दिलचस्पी को कबड्डी में बनाए रखने के लिए प्रो-कबड्डी लीग ने कबड्डी में कुछ नए नियमों को जोड़ा है| डिफेन्सीव खेल और ब्लैंक रेड के कारण मैच को उबाऊ होने से रोकने के लिए भी इन नए नियमों को जोड़ा गया है| पिकेएल ने 'डू और डाई' के कान्सेप्ट को जोड़ा है| इसमें अगर एक टीम लगातार दो ब्लैंक रेड करता है तो जो रेडर तीसरा रेड करता है उसे उसमें पॉइंट लेना जरूरी हो जाता है|
ऐसा नहीं करने पर वह आउट करार दिया जाता है और विपक्षी टीम को एक अतिरिक्त पॉइंट मिल जाता है|अगर मैट पर एक टीम के चार से कम खिलाड़ी मौजूद हैं तो टीम के द्वारा विपक्षी रेडर को टैकल करने पर उस टीम को दो पॉइंट मिलते हैं| अगर एक अटेम्पट में रेडर तीन या उससे अधिक पॉइंट हासिल कर ले तो उसे ‘सुपर रेड’ कहते हैं|
प्रो कबड्डी लीग में इन नियमों के जोड़ने से सफल परिणाम मिलने के बाद इन नियमों को 2016 के अहमदाबाद में हुए कबड्डी वर्ल्ड कप में भी अपनाया गया| आज पिकेएल ने सफलतापूर्वक अपना सात सीजन पूरा कर लिया है और अपने आठवें सीजन की तैयारी कर रहा है| इस मंच ने भारतीय उपमहाद्वीप के इस पुराने और ऐतिहासिक खेल को एक नई ऊंचाई देने प्रदान किया है| इसके माध्यम से कबड्डी भी अब खेलों के कमर्शियल बाजार में अपना जड़ जमा चुकी है| इस कारण नई प्रतिभाएं कबड्डी के खेल से पेशेवर रूप में जुडने में दिलचस्पी दिखा रही हैं|
Where passion meets insight — blending breaking news, in-depth strategic analysis, viral moments, and jaw-dropping plays into powerful sports content designed to entertain, inform, and keep you connected to your favorite teams and athletes. Expect daily updates, expert commentary and coverage that never leaves a fan behind.
- भारत ने टी20 वर्ल्ड कप 2026 और न्यूजीलैंड सीरीज के लिए किया टीम का ऐलान, ईशान किशन और रिंकू सिंह को मिला इनाम
- क्या WWE से होने वाली है Triple H की छुट्टी? John Cena के रिटायरमेंट मैच के बाद कंपनी में चल रही है गर्मा गर्मी
- टी20 क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाले टॉप 10 बल्लेबाज
- IPL इतिहास के पांच सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ी
- IPL इतिहास के पांच सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी