टीम लगातार दूसरी बार टाइटल नहीं जीत पाई।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) का 9वां सीजन जब शुरू हुआ तो सबसे बड़ी चुनौती दबंग दिल्ली के सामने थी। इसकी वजह ये थी कि वो पिछला सीजन जीतकर आ रहे थे और उनके सामने अपने टाइटल को डिफेंड करने का दबाव था। टीम ने शुरूआत भी काफी धमाकेदार अंदाज में किया और दिखाया कि वो इस बार भी टाइटल जीतने के प्रबल दावेदार हैं। हालांकि जैसे-जैसे सीजन आगे बढ़ा दबंग दिल्ली की पेस भी कम होती गई और वो लगातार मैच हारने लगे।

टीम 22 में से 10 मैच जीतकर और 10 मुकाबला हारकर किसी तरह प्लेऑफ में तो पहुंच गई लेकिन वहां से आगे नहीं बढ़ पाए और उनका लगातार दूसरे सीजन खिताब जीतने का सपना टूट गया। दबंग दिल्ली ने इस सीजन नवीन कुमार को कप्तान बनाया था और टीम में ज्यादातर युवा खिलाड़ी थे। नवीन ने ना केवल रेडिंग बल्कि कप्तानी में भी काफी प्रभावित किया। आइए जानते हैं 9वें सीजन में किन प्लेयर्स ने दबंग दिल्ली के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।

Plenty of chances but no finished product

टॉप परफॉर्मर

नवीन कुमार

हर बार की तरह इस बार भी नवीन कुमार दबंग दिल्ली के लिए सबसे बेहतरीन प्लेयर साबित हुए। उन्हें कप्तान जरूर बनाया गया लेकिन उसका दबाव उनके ऊपर बिल्कुल भी नहीं दिखा। नवीन कुमार ने 23 मैचों में 254 प्वॉइंट हासिल किए और इस सीजन तीसरे सबसे बेस्ट रेडर साबित हुए। कई मैचों में अपने बेहतरीन स्किल का नमूना उन्होंने दिखाया।

विशाल

विशाल ने लेफ्ट कवर की पोजिशन में इस सीजन बेहतरीन प्रदर्शन किया। डिफेंस में वही एक ऐसे प्लेयर रहे जिन्होंने दबंग दिल्ली की तरफ से स्पार्क दिखाया। उन्होंने 22 मैचों में 58 प्वॉइंट हासिल किए और टीम के सबसे बेहतरीन डिफेंडर साबित हुए। उन्हें दूसरे छोर से बाकी डिफेंडर्स का साथ उस तरह से नहीं मिल पाया।

आशु मलिक

आशु मलिक टीम में तीसरे रेडर की भूमिका निभा रहे थे लेकिन इसके बावजूद उनका परफॉर्मेंस कमाल का रहा। उन्होंने 23 मुकाबले खेले और 241 रेड प्वॉइंट हासिल किए और उनका औसत 10 से भी ज्यादा का रहा। उन्होंने कई मैचों में अहम मौकों पर प्वॉइंट लाकर टीम को जीत दिलाई।

इन खिलाड़ियों ने किया निराश

अमित हूडा

राइट कॉर्नर डिफेंडर अमित हूडा से इस पीकेएल सीजन काफी ज्यादा उम्मीदें थीं। टीम के डिफेंस को मजबूत करने के लिए उन्हें इस सीजन टीम में लाया गया था लेकिन वो उस हिसाब से प्रदर्शन नहीं कर पाए। अमित हूडा 13 मैचों में सिर्फ 29 प्वॉइंट ही हासिल कर पाए और इसी वजह से कई मैचों से उन्हें बाहर भी बैठाया गया।

संदीप धुल

संदीप धुल पीकेएल के स्थापित डिफेंडर्स बन चुके हैं। जयपुर पिंक पैंथर्स की तरफ से खेलते हुए जो उपलब्धियां उन्होंने हासिल की थी वैसे ही प्रदर्शन की उम्मीद उनसे दबंग दिल्ली के फैंस भी लगा रहे थे। हालांकि वो उस तरह का प्रदर्शन नहीं दोहरा पाए। वो 17 मैचों में सिर्फ 31 प्वॉइंट ही हासिल कर सके।

विजय मलिक

विजय मलिक भी एक ऐसे खिलाड़ी रहे जो इस सीजन ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए। पिछले साल टीम को टाइटल जिताने में उनका बड़ा योगदान था। हालांकि इस सीजन वो उतने मुकाबले नहीं खेल पाए और 11 मैचों में 74 प्वॉइंट ही ले पाए।

टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस

इस सीजन दो ऐसे मुकाबले रहे जिसमें दबंग दिल्ली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। सबसे पहले 10 अक्टूबर को उन्होंने गुजरात जायंट्स की टीम को 53-33 के बड़े अंतर से हराया। इसके बाद 15 अक्टूबर को तेलुगु टाइटंस को भी 46-26 से हराया।

कोच का रिपोर्ट कार्ड

दबंग दिल्ली के कोच इस बार भी कृष्ण कुमार हूडा थे। उनकी कोचिंग इस सीजन काफी अच्छी रही। नवीन कुमार को कप्तान बनाकर उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि वो फ्यूचर के बारे में सोच रहे हैं। इसके अलावा जिन भी खिलाड़ियों को परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा उनको उन्होंने बाहर बैठाने में देरी नहीं की। टीम भले ही टाइटल नहीं जीत पाई लेकिन कृष्ण कुमार हूडा की रणनीति में कोई कमी नहीं थी।

दबंग दिल्ली को सीजन से क्या सीख मिली?

दिल्ली की टीम ने जिस धमाकेदार अंदाज में शुरूआत की थी उसे वो बाद के मैचों में बरकरार नहीं रख पाए। टीम को ये ध्यान रखना होगा कि आगाज से ज्यादा अंजाम अच्छा होना चाहिए। क्योंकि अगर आप आखिर में आकर मुकाबले हारने लगेंगे तो फिर टाइटल नहीं जीत पाएंगे।

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