युवा जोश के दम पर तमिल थलाइवाज ने पीकेएल 9 में सबको चौंकाया

(Courtesy : PKL)
इस टीम ने इस सीजन हर किसी को प्रभावित किया।
प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में कुछ टीमें ऐसी हैं जो अभी तक टाइटल नहीं जीत पाई हैं। वहीं कुछ टीमें ऐसी भी हैं जो अभी तक सेमीफाइनल और फाइनल तक का सफर भी नहीं तय कर पाई थीं। तमिल थलाइवाज भी उन चुनिंदा टीमों में से एक थी जिसने सीजन-9 के पहले तक सेमीफाइनल में जगह नहीं बनाई थी। हालांकि इस सीजन के दौरान टीम ने इतिहास रच दिया और पहली बार पीकेएल के सेमीफाइनल में पहुंचने का कारनामा किया।
तमिल थलाइवाज की चर्चा ऑक्शन से ही शुरू हो गई थी क्योंकि उन्होंने पवन सेहरावत को दो करोड़ 26 लाख की रकम में खरीदकर सबको चौंका दिया था। हालांकि शुरूआती मैचों में ही पवन सेहरावत चोटिल होकर बाहर हो गए लेकिन इसके बावजूद टीम ने हार नहीं मानी और अपने बेहतरीन परफॉर्मेंस के दम पर सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। आइए जानते हैं 9वें सीजन में किन प्लेयर्स ने तमिल थलाइवाज के लिए बेहतर प्रदर्शन किया और किन खिलाड़ियों ने निराश किया।
टॉप परफॉर्मर
नरेंद्र कंडोला
पवन सेहरावत की इंजरी के बाद सबको लगा कि थलाइवाज की टीम अब बिखर जाएगी क्योंकि उनके पास कोई बड़ा रेडर नहीं है। हालांकि नरेंद्र ने अपने परफॉर्मेंस से सबको गलत साबित कर दिया और सीजन की एक बेहतरीन खोज साबित हुए। उन्होंने 23 मैचों में 243 रेड प्वॉइंट हासिल किए और सीजन के चौथे सबसे बेस्ट रेडर साबित हुए। नरेंद्र ने डू और डाई सिचुएशन में 40 प्वॉइंट लिए और ये दिखाता है कि वो दबाव में भी बेहतर खेलना जानते हैं।
साहिल गूलिया
लेफ्ट कॉर्नर में साहिल गूलिया ने इस पीकेएल सीजन जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने 23 मैचों में 57 टैकल प्वॉइंट हासिल किए और इस सीजन आठवें सबसे ज्यादा टैकल प्वॉइंट हासिल करने वाले प्लेयर रहे। कई मुकाबले ऐसे रहे जिसमें उनकी भूमिका सबसे ज्यादा रही और उन्होंने अपने परफॉर्मेंस से सबको काफी प्रभावित किया।
सागर
सागर ने इस पीकेएल सीजन 17 मैच खेले और 53 टैकल प्वॉइंट हासिल किए और इस दौरान पांच हाई-फाइव लगाया। सबसे ज्यादा हाई-फाइव के मामले में वो इस सीजन चौथे पायदान पर रहे। वहीं सबसे ज्यादा सुपर टैकल के मामले में सागर तीसरे नंबर पर रहे। इससे पता चलता है कि उनका परफॉर्मेंस कितना बेहतरीन रहा।
इन खिलाड़ियों ने किया निराश
मोहित
तमिल थलाइवाज के लिए पीकेएल के 9वें सीजन में लेफ्ट कवर पर मोहित उस तरह का प्रदर्शन नहीं कर पाए जैसा उनसे उम्मीद की जा रही थी। मोहित ने इस सीजन कुल मिलाकर 22 मुकाबले खेले जिसमें वो केवल 34 प्वॉइंट ही हासिल कर पाए।
टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस
तमिल थलाइवाज ने वैसे तो कई बेहतरीन मुकाबले इस सीजन खेले। तेलुगु टाइटंस और जयपुर पिंक पैंथर्स की टीम को उन्होंने बड़े अंतर से हराया। हालांकि हम उनका बेस्ट परफॉर्मेंस एलिमिनेटर मुकाबले में यूपी योद्धाज के खिलाफ मान सकते हैं। इस मैच में तमिल थलाइवाज ने टाई ब्रेकर में जाकर यूपी योद्धाज को हराया और कम अनुभवी होने के बावजूद बेहतरीन सूझ-बूझ का परिचय दिया और पहली बार पीकेएल के सेमीफाइनल में जगह बनाई। इसी वजह से इसे टीम का बेस्ट परफॉर्मेंस कहा जा सकता है।
कोच का रिपोर्ट कार्ड
थलाइवाज के बीते सीजन दो कोच रहे। पहले जे उदय कुमार कोच थे जिनकी कोचिंग में टीम को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद बीच सीजन के दौरान अशन कुमार को टीम का हेड कोच बनाया गया और उन्होंने बेहतरीन काम युवा टीम के साथ किया। उन्होंने टीम के डिफेंस पर काफी ध्यान दिया और खिलाड़ियों को अनुशासन में रहना सिखाया। कम अनुभवी टीम के अंदर उन्होंने लड़ने का जज्बा पैदा किया और इसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है।
तमिल थलाइवाज को सीजन से क्या सीख मिली ?
तमिल थलाइवाज की टीम ने जिस तरह से इस सीजन स्टार प्लेयर्स के बगैर बेहतर परफॉर्मस किया उससे उन्हें पता चला होगा कि अगर आपके अंदर हर एक परिस्थिति के अंदर लड़ने का जज्बा है तो फिर आप आगे जा सकते हैं। बड़े नाम के बिना भी टीम सफल हो सकती है।
Sawan Gupta is a passionate sports enthusiast with a strong interest in cricket, hockey, badminton, and kabaddi. He supports RCB in the IPL and UP Yoddhas in the PKL, and admires PV Sindhu and Virat Kohli. Since 2017, Sawan has been writing sports articles, covering major events like the Pro Kabaddi League, Asian Games, Olympics, and various cricket tournaments.
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