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पीकेएल सीजन 3: जब पटना पाइरेट्स ने पहली बार जीती थी ट्रॉफी

Published at :February 13, 2023 at 8:11 PM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : PKL)

Rahul Gupta


मनप्रीत सिंह इस चैंपियन टीम के कप्तान थे।

प्रो कबड्डी लीग का तीसरा सीजन साल 2016 में खेला गया था। सीजन-2 के तुरंत बाद तीसरे सीजन का भी आयोजन करना पड़ा था और इसकी वजह ये थी कि इस लीग की पॉपुलैरिटी दूसरे सीजन के दौरान काफी ज्यादा बढ़ गई थी। दूसरे सीजन के दौरान पीकेएल के व्यूअरशिप में काफी उछाल आया था और फैंस इसमें काफी दिलचस्पी लेने लगे थे और इसी वजह से ऑर्गेनाइजर्स को एक साल में दो बार लीग का आयोजन कराना पड़ा।

स्टार परफॉर्मर

ये वो पहला सीजन था जब रिकॉर्ड ब्रेकर परदीप नरवाल का उदय हुआ था। परदीप ने अपना पीकेएल डेब्यू दूसरे सीजन में बेंगलुरू बुल्स के लिए किया था लेकिन वहां पर उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिल पाए थे और इसी वजह से परदीप नरवाल पटना पाइरेट्स की टीम में चले गए थे और यहां से उनकी किस्मत पलट गई। पटना पाइरेट्स ने तीसरे सीजन का टाइटल अपने नाम किया था। उन्होंने डिफेंडिंग चैंपियन यू-मुम्बा को हराकर खिताब जीता था। ये लगातार तीसरी बार था जब यू-मुम्बा की टीम फाइनल में पहुंची थी। इनमें से एक फाइनल वो जीते थे और दो फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

परदीप नरवाल के अलावा इस सीजन एक और स्टार प्लेयर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी और वो पवन सेहरावत थे जो उस वक्त बेंगलुरू बुल्स की टीम का हिस्सा थे। उन्होंने उस सीजन 15 मैचों में 45 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे। हालांकि पवन सेहरावत पीकेएल में स्टार प्लेयर छठे सीजन के बाद ही बन पाए।

विदेशी खिलाड़ियों की अगर बात करें तो जैंग कुंग ली उस सीजन के टॉप-5 रेडर्स में से एक रहे थे। ये पहली बार था जब कोई विदेशी खिलाड़ी पीकेएल के रेडिंग प्वॉइंट चार्ट में जगह बना पाया था। जैंग कुंग ली उस सीजन बंगाल वॉरियर्स का हिस्सा थे और उनके लिए उन्होंने 15 मैचों में 79 प्वॉइंट हासिल किए थे। वो अपनी टीम के लिए सबसे सफल रेडर थे। तीसरे सीजन के लिए कोई ऑक्शन नहीं हुआ था बल्कि खिलाड़ी खुद ही एक टीम से दूसरी टीम में चले गए थे और परदीप नरवाल पटना पाइरेट्स में गए थे।

टॉप रेडर्स

परदीप नरवाल - 15 मैचों में 116 प्वॉइंट

कप्तान मनप्रीत सिंह और कोच रोहित बालियान की अगुवाई में परदीप नरवाल ने बेहतरीन प्रदर्शन कर अपनी टीम को टाइटल जिताने में अहम योगदान दिया था। उन्होंने उस सीजन 15 मैचों में 116 प्वॉइंट हासिल किए थे।

रिशांक देवाडिगा - 16 मैचों में 106 प्वॉइंट

रिशांक देवाडिगा तीसरे सीजन में यू-मुम्बा की टीम का हिस्सा थे और उनके लिए 16 मैचों में 106 प्वॉइंट हासिल किए थे। रिशांक ने टीम के रेडिंग डिपार्टमेंट की अगुवाई की थी।

रोहित कुमार - 12 मैचों में 102 प्वॉइंट

पटना पाइरेट्स की टीम में परदीप नरवाल के साथ रोहित कुमार की जोड़ी थी और परदीप के अलावा रोहित ने भी काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया था। लेफ्ट-राइट का ये कॉम्बो काफी खतरनाक साबित हुआ था। पटना को टाइटल जिताने में रोहित का भी काफी बड़ा योगदान रहा था।

टॉप डिफेंडर्स

मंजीत छिल्लर - 15 मैचों में 61 टैकल प्वॉइंट

कवर डिफेंडर मंजीत छिल्लर तीसरे सीजन के सबसे बेहतरीन डिफेंडर साबित हुए थे। उन्होंने 45 रेड प्वॉइंट के अलावा 61 टैकल प्वॉइंट भी हासिल किए थे और बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन किया था। वो सीजन में कुल दूसरे सबसे ज्यादा प्वॉइंट हासिल करने वाले प्लेयर थे। औसतन हर मैच में उन्होंने चार टैकल प्वॉइंट और तीन रेड प्वॉइंट हासिल किए थे।

संदीप नरवाल - 14 मैचों में 55 टैकल प्वॉइंट

संदीप नरवाल भी तीसरे सीजन में पटना पाइरेट्स की टाइटल विनिंग टीम का हिस्सा थे औऱ उन्होंने 55 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे और रेड में 9 प्वॉइंट हासिल किए थे।

सुपर -10

सुरजीत सिंह - 5

परदीप नरवाल - 5

रोहित कुमार - 5

हाई - फाइव

मोहित छिल्लर - 6

संदीप नरवाल - 6

मंजीत छिल्लर - 5

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