‘हाई फ्लायर’ ने इस सीजन भी जबरदस्त खेल दिखाया था।

कोविड-19 की वजह से PKL का 8वां सीजन काफी प्रतिबंधों के बीच खेला गया था। कोरोना की वजह से इस बार का पीकेएल सिर्फ एक ही जगह पर हुआ और उसमें फैंस के जाने पर भी पाबंदी थी। पूरा सीजन बेंगलुरू में शेराटॉन ग्रांड होटल में खेला गया। दबंग दिल्ली ने पटना पाइरेट्स को हराकर पहली बार पीकेएल का टाइटल अपने नाम किया था। पवन सेहरावत लगातार दूसरी बार सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल करने वाले प्लेयर बने।

अर्जुन देशवाल ने पीकेएल के आठवें सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन किया और 267 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे। इस सीजन वो जयपुर पिंक पैंथर्स की टीम का हिस्सा थे। मोहम्मदरेजा चियानेह ने इस सीजन अपना डेब्यू किया था और अपने पहले ही सीजन में इतिहास रच दिया था। उन्होंने कुल मिलाकर 89 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे और सीजन के सबसे बेस्ट डिफेंडर साबित हुए थे। फजल अत्राचली के बाद ये कारनामा करने वाले वो मात्र दूसरे प्लेयर बने थे। वहीं तमिल थलाइवाज की तरफ से सागर ने बेहतरीन तरीके से परफॉर्म करते हुए 82 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे।

ऑक्शन

पीकेएल के 8वें सीजन में कुल मिलाकर 24 विदेशी खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। ईरान के सबसे ज्यादा 16 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद केन्या से 3, साउथ कोरिया से 2 और बांग्लादेश, श्रीलंका और जापान से एक-एक खिलाड़ी ने पीकेएल में हिस्सा लिया था। पटना पाइरेट्स की तरफ से लगातार पांच सीजन तक खेलने के बाद परदीप नरवाल यूपी योद्धाज की टीम का हिस्सा बन गए। यूपी योद्धाज ने उनके लिए पीकेएल इतिहास की सबसे महंगी बोली (1.65 करोड़) लगाई। सिद्धार्थ देसाई को तेलुगु टाइटंस ने एक बार फिर 1.3 करोड़ की भारी-भरकम रकम में खरीदा था।

टॉप रेडर्स

पवन सेहरावत – 24 मैचों में 304 रेड प्वॉइंट

पवन सेहरावत ने इस पीकेएल सीजन भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था और लगातार तीसरी बार रेडिंग में टॉप किया। बेंगलुरू बुल्स ने दूसरी बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन दबंग दिल्ली से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

अर्जुन देशवाल – 22 मैचों में 267 रेड प्वॉइंट

अर्जुन देशवाल पीकेएल के 8वें सीजन में यू-मुम्बा की टीम का हिस्सा थे और बेहतरीन प्रदर्शन किया था। अर्जुन ने इससे पिछले सीजन में 104 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे और इसके बाद 8वें सीजन में अपने खेल में और सुधार किया।

मनिंदर सिंह – 22 मैचों में 262 रेड प्वॉइंट

मनिंदर सिंह की अगुवाई में बंगाल वॉरियर्स ने सातवें सीजन का खिताब जीता था और इसी वजह से टीम ने उनको आठवें सीजन के लिए भी रिटेन किया। हालांकि इस सीजन बंगाल का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा और वो 9वें पायदान पर रहे। मनिंदर ने 22 मैचों में 262 प्वॉइंट हासिल किए थे।

टॉप डिफेंडर्स

मोहम्मदरेजा चियानेह – 24 मैचों में 89 टैकल प्वॉइंट

मोहम्मदरेजा चियानेह का ये पहला ही पीकेएल सीजन था और इसमें उन्होंने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था। उन्होंने 24 मैचों में सबसे ज्यादा 89 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे। पटना पाइरेट्स को कई मैचों में उन्होंने अकले दम पर जीत दिलाई थी।

सागर – 22 मैचों में 82 टैकल प्वॉइंट

राइट कॉर्नर डिफेंडर सागर ने तमिल थलाइवाज की तरफ से खेलते हुए 22 मैचों में 82 टैकल प्वॉइंट हासिल किए थे। सागर ने ज्यादातर प्वॉइंट्स अपने पहले 15 मैचों में हासिल किए थे। अनुभव की कमी की वजह से वो आगे के मुकाबलों में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।

सौरभ नांदल – 24 मैचों में 69 टैकल प्वॉइंट

सौरभ नांदल ने अपने पीकेएल करियर की शुरूआत सातवें सीजन में की थी और 57 प्वॉइंट हासिल किए थे। यही वजह थी कि बेंगुलरू बुल्स ने उन्हें एक बार फिर खरीदा। उन्होंने मैनेजमेंट के इस फैसले को सही साबित किया और 69 टैकल प्वॉइंट हासिल किए।

सुपर 10

1. पवन सेहरावत – 18

2. मनिंदर सिंह -16

3. अर्जुन देशवाल – 16

हाई – फाइव

1. मोहम्मदरेजा चियानेह – 10

2. सागर – 8

3. सोमबीर – 5

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