कई बेहतरीन टीमों को अपने पहले मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के नए सीजन के आगाज के साथ ही सभी टीमों के बीच अगला चैंपियन बनने की रेस भी शुरू हो गई है। पहले दो दिन कई जबरदस्त मैच हुए। नए सीजन में कुछ टीमों की शुरूआत काफी अच्छी रही तो वहीं कई बेहतरीन टीमों को हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा स्टीलर्स, जयपुर पिंक पैंथर्स, पुनेरी पलटन, यूपी योद्धा और बेंगलुरू बुल्स को शिकस्त झेलनी पड़ी। वहीं तमिल थलाइवाज और तेलुगु टाइटंस के बीच हुआ मुकाबला रोमांचक तरीके से टाई रहा।
हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि सीजन के पहले मुकाबले में जिन पांच टीमों को हार का सामना करना पड़ा उनकी शिकस्त के प्रमुख कारण क्या रहे।
बेंगलुरू बुल्स
बेंगलुरू बुल्स के लिए प्रो कबड्डी लीग सीजन 8 की शुरूआत अच्छी नहीं रही। उन्हें अपने पहले मैच में यू-मुम्बा से 30-46 से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और वो एक भी प्वॉइंट हासिल नहीं कर पाए। बेंगलुरू बुल्स की हार का सबसे प्रमुख कारण उनके डिफेंडर्स का ना चलना रहा। बेंगलुरू बुल्स का डिफेंस पूरी तरह फ्लॉप रहा। डिफेंडर्स के बीच तालमेल की कमी दिखी। जीबी मोरे, महेंद्र सिंह और सौरभ नांदल कुछ खास नहीं कर पाए थे और यही वजह है कि टीम कई बार ऑल आउट हुई। वहीं पवन सेहरावत ने सुपर 10 जरूर लगाया लेकिन कई बार वो आउट भी हुए और इसी वजह से टीम को शिकस्त का सामना करना पड़ा।
यूपी योद्धा
यूपी योद्धा के पास प्रो कबड्डी लीग में इस सीजन प्रदीप नरवाल जैसा स्टार प्लेयर है और उनसे टीम को काफी उम्मीदें थीं लेकिन वो उस तरह का परफॉर्मेंस नहीं कर पाए। परदीप नरवाल ने 16 रेड में सिर्फ 8 पॉइंट हासिल किए और वो पांच बार आउट हुए। यही वजह है कि टीम को पांच प्वॉइंट से हार झेलनी पड़ी। यूपी योद्धा का डिफेंस भी कमजोर नजर आया। कप्तान नितेश कुमार ने जरूर तीन प्वॉइंट हासिल किए लेकिन नबीबख्श के सुपर रेड की वजह से टीम मैच में पीछे हो गई। टीम ने एक साथ कई प्वॉइंट गंवा दिए और ये मैच का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ। आने वाले मैचों में उन्हें अपनी इस कमी को दूर करना होगा।
जयपुर पिंक पैंथर्स
प्रो कबड्डी लीग के पहले सीजन की चैंपियन जयपुर पिंक पैंथर्स को भी हार का सामना करना पड़ा। गुजरात जायंट्स के डिफेंस के आगे जयपुर का आक्रमण धराशायी हो गया। पैंथर्स की हार का सबसे प्रमुख कारण उनके कप्तान और स्टार रेडर दीपक हूडा का फ्लॉप परफॉर्मेंस रहा। दीपक हूडा ने कुल मिलाकर 13 रेड किए और सिर्फ चार ही प्वॉइंट हासिल कर पाए। उनके चार ही सफल रेड रहे। डिफेंस में संदीप धुल और अमित हूडा ने तो अच्छा काम किया लेकिन दीपक हूडा का ना चलना टीम की हार का प्रमुख कारण बना।
पुनेरी पलटन
पुनेरी पलटन की हार का प्रमुख कारण उनके डिफेंडर्स रहे। सोमबीर, विशाल भारद्वाज और संकेत सावंत जैसे बेहतरीन डिफेंडर पूरी तरह से फ्लॉप रहे। विशाल भारद्वाज ने पिछले सीजन तेलुगु टाइटंस के लिए काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया था लेकिन इस सीजन के पहले मुकाबले में वो सिर्फ एक ही प्वॉइंट हासिल कर पाए और उनके चार असफल टैकल रहे।
सोमबीर ने दो प्वॉइंट लिए और संकेत सावंत खाता भी नहीं खोल सके। नवीन कुमार ने टोटल 24 रेड किए और उसमें से सिर्फ एक बार पुनेरी पलटन उन्हें टैकल कर पाई और इससे पता चलता है कि टीम का डिफेंस कितना कमजोर रहा। इसके अलावा रेडिंग डिपार्टमेंट में शो मैन राहुल चौधरी भी नितिन तोमर का साथ नहीं दे पाए और 10 रेड में से सिर्फ पांच ही प्वॉइंट हासिल कर सके।
हरियाणा स्टीलर्स
हरियाणा स्टीलर्स की टीम को काफी करीबी मुकाबले में पटना पाइरेट्स से हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा ने इस मुकाबले में काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया और पटना पाइरेट्स को कड़ी टक्कर दी। हालांकि अहम मौकों पर वो प्वॉइंट्स लूज करते रहे। यही वजह है कि लीड लेने के बाद भी टीम को आखिर में आकर हार झेलनी पड़ी। टीम के कप्तान विकाश कंडोला भी उस तरह का प्रदर्शन नहीं कर पाए और सिर्फ छह प्वॉइंट ले पाए। हरियाणा के डिफेंडर्स ने तो अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मोनू गोयत के सुपर रेड की वजह से मैच उनके हाथ से निकल गया।