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Exclusive: टैक्सी ड्राइवर का बेटा खेलेगा भारत के लिए टेस्ट मैच, Mukesh Kumar की कहानी उनके ही जुबानी

Subhajit has been with Khel Now since 2023, working on the Olympics, Kabaddi, and Hindi desks.
Published at :July 18, 2023 at 9:12 PM
Modified at :July 18, 2023 at 9:12 PM
Exclusive: टैक्सी ड्राइवर का बेटा खेलेगा भारत के लिए टेस्ट मैच, Mukesh Kumar की कहानी उनके ही जुबानी

मुकेश कुमार ने अभी तक भारत के लिए डेब्यू नहीं किया है।

भारतीय क्रिकेट में कुछ कहानियां ऐसी हैं जो व्यक्तिगत लगती हैं। टीम इंडिया से जुड़े हर खिलाड़ी का शीर्ष पर पहुंचना, पतन और निश्चित रूप से टीम में वापसी, उस समय ऐसा लगता है, जैसे मानो कोई अपना ही हो। मुकेश कुमार (Mukesh Kumar), जो विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के दौरान स्टैंडबाय पर खिलाड़ी के तौर पर थे, अब वो वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टेस्ट, वनडे और टी20 टीम का हिस्सा हैं, मुकेश के क्रिकेट जीवन से भी जुड़ी एक खास कहानी आज हम आप सभी से साझा करेंगे।

खेल नाउ (Khel Now) के कार्तिक महेंद्रू के साथ एक विशेष बातचीत में, मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) ने इस बात पर गहराई से चर्चा की कि यह सब कैसे शुरू हुआ, और IPL में उनका अनुभव और WTC फाइनल के दौरान भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड में उनका अनुभव आखिर कैसा रहा।

एक टैक्सी ड्राइवर के बेटे, मुकेश कुमार के लिए यह आसान नहीं था। उन्हें पश्चिम बंगाल वापस बुलाया गया और उनके पिता को उम्मीद थी कि वे नौकरी करेंगे। जैसा कि कहा जाता है, नियति की कुछ और ही योजनाएं थीं।

Mukesh Kumar ने साझा की अपनी कहानी

मुकेश ने बताया कि “दरअसल, मैं अपने खेल के दिनों की शुरुआत में ही एक दुर्घटना का शिकार हो गया था। मैं बहुत खेलता था, यहां तक कि टेनिस भी। तो मेरे पिता ने सोचा कि अगर मैं ऐसे ही खेलता रहा, तो मेरा भविष्य वास्तव में अच्छा नहीं होगा। इसलिए उन्होंने मुझे वापस बुलाया और कहा कि मैं उनके साथ रहूं और जो चाहूं वो करूं क्योंकि मेरा पूरा परिवार पश्चिम बंगाल में था। मैं एक गांव में रहता था, जहां से मैं खेलने के लिए कभी दिल्ली तो कभी बड़ौदा जाता था। मेरे पिता ने सोचा था कि मैं बस 6-7 महीने खेलूंगा और उसके बाद नौकरी करूंगा।''मुकेश कुमार ने तुरंत अपने दोस्तों का नाम लिया जिन्होंने उनका समर्थन किया, और इससे पता चला कि उनके पैर अभी भी जमीन पर हैं। “दीपक, मोनू, बब्लू और कालू। उन्होंने मुझे आसपास के मैदान और बहुत कुछ दिखाकर बहुत मदद की जिससे मुझे अपने मंजिल का बहुत अच्छे से पता चल पाया।''

“मैंने राज्य शिविरों के लिए खेला और मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। मैंने लगभग 20 ओवर गेंदबाजी की, लेकिन घायल हो गया। मेरा नाम सूची में शामिल था, लेकिन चोट के कारण मैं टीम में शामिल नहीं हो सका। लेकिन फिर मैंने पुनर्वास शुरू किया और ठीक होने के बाद मेरा चयन हो गया।''

बता दें कि मुकेश कुमार ने 39 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और 2.70 की इकॉनमी और 21.55 की औसत से 149 विकेट लिए हैं। भारतीय अनुभवी तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने हाल ही में तीन तेज गेंदबाजों का नाम बताया है जो आने वाले भविष्य में भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और उनमें से एक मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) भी थे। “बहुत से लोग मुकेश की कहानी नहीं जानते हैं, लेकिन मैंने उनके जैसा सरल व्यक्ति आज तक नहीं देखा है। अगर आप उससे कोई खास गेंद डालने को कहेंगे तो वह वही गेंद डालेगा।'' कुछ समय पहले इशांत ने कहा था।

उसी टिप्पणी के बारे में बात करते हुए, मुकेश कुमार ने तुरंत प्रशंसा की और उनके शब्दों में स्पष्ट रूप से भारतीय तेज गेंदबाज और भारत के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाजों में से एक के प्रति उनकी प्रशंसा दिखाई दी।

Ishant Sharma पर मुकेश की टिप्पणी

“देखिए, ईशांत शर्मा (Ishant Sharma) सिर्फ एक नाम नहीं है। वह इस खेल के लेजेंड हैं, एक तेज गेंदबाज के रूप में अपने देश के लिए 100 टेस्ट खेलना कोई आसान उपलब्धि नहीं है। दिल्ली कैपिटल्स के साथ अपने समय के दौरान, मैंने उन्हें नेट्स पर देखा था और एक चीज जो मेरे लिए सबसे खास थी वह यह थी कि वह अपने गेम के प्रति कितने फोकस्ड थे। उन्होंने मुझे बहुत सारी चीजें सिखाई और कई स्थितियों में उन्होंने मेरा बहुत समर्थन भी किया और कहा कि हम सब यहां आपके लिए हैं, और मैदान पर जो कुछ भी मैं करना चाहता था उसे पूर्ण करने का उन्होंने मुझे आत्मविश्वास दिया। 

इंग्लैंड जाने से पहले मेरी उनसे बातचीत हुई थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि गेंद को ज्यादा ऊपर मत उछालो और आप जानते हैं, तकनीकी चीजें ऐसी होती हैं। जब मैं वहां गया तो पारस सर मेरी मदद करने के लिए वहां मौजूद थे।

वीडियो यहाँ देखें

https://youtu.be/Zbn4los7A_c

WTC फाइनल पर मुकेश के बयान

WTC फाइनल के दौरान इंग्लैंड में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए, मुकेश कुमार काफी स्पष्ट थे और उन्होंने कहा कि उन्हें वहां का मौसम बहुत पसंद आया और यह उनके जीवन का सबसे अच्छा समय था। “इंग्लैंड में उनके लिए यह एक अवास्तविक अनुभव था। वहां का मौसम अद्भुत है, वहां गेंदबाजी करना और भी बहुत सारी चीजें मुझे काफी अच्छी लगी। मैं इस अनुभव को जीवन भर याद रखूंगा। मैं अपने साथी सिराज और अक्षर पटेल से काफी बातें करता हूं।' बाकी, हम साथ मिलकर अभ्यास करना और मौज-मस्ती करना जारी रखेंगे।”

Mukesh Kumar अपने लक्ष्यों पर बिल्कुल स्पष्ट 

मुकेश कुमार अपने लक्ष्यों के बारे में बहुत स्पष्ट थे और उन्होंने जोर देकर कहा कि वह बहुत आगे के बारे में नहीं सोच रहे हैं। “मैं बहुत दूर की नहीं सोचता। मैं आज के बारे में सोचता हूं और मुझे जो करना है। वो भारत के लिए खेलने वाला हर खिलाड़ी नियमित आधार पर करना चाहता है, और यदि मैं परिणामों के बारे में बहुत अधिक सोचता हूं, तो यह इच्छानुसार नहीं आएगा, लेकिन यदि मैं अपने ऊपर सुधार की प्रक्रिया के बारे में सोचता हूं, तो मैं निश्चित रूप से काफी कुछ हासिल करूंगा। मैं सिर्फ प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं और बाकी सब भगवान पर निर्भर है,'' मुकेश ने कहा।

“भारतीय टीम में एक चीज जो मैंने महसूस की वह थी माहौल। यह एक परिवार की तरह था और मैंने इसका भरपूर आनंद लिया,'' उन्होंने निष्कर्ष देते हुए कहा।

मुकेश के लिए कारवां अब वेस्ट इंडीज की ओर बढ़ चुका है और यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि वह इस दौरे पर कैसा प्रदर्शन करते हैं और क्या उन्हें टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने का मौका मिलता है।

Subhajit Chakraborty
Subhajit Chakraborty

Subhajit Chakraborty is a sports journalist and Content Associate at Khel Now. A graduate of Dr. Bhim Rao Ambedkar College, Delhi University, he pursues his passion for sports through writing, editing, and on-camera work. A devoted cricket fan, he admires Virat Kohli and passionately supports RCB.

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