PKL 10: फाइनल मुकाबला टाई होने के बाद किस तरह निकलेगा नतीजा? जानिए टाई ब्रेकर के नियम

प्रो कबड्डी लीग ने विजेता का फैसला करने के लिए गोल्डन रेड की शुरुआत की।
प्रो कबड्डी लीग सीजन 10 (PKL 10) लगभग तीन महीने का रोमांचक और जबरदस्त सफर तय करने के बाद आखिरकार अब इसके आखिरी चरण यानी की प्लेऑफ में पहुंच गया है। सोमवार, 26 फरवरी को इस लीग के दोनों एलिमिनेटर मुकाबले खेले गए, जिसके बाद हमें हमारे चारों सेमीफाइनलिस्ट मिल गए। इसके बाद 28 तारीख को दोनों सेमीफाइनल मुकाबलों खेले गए। पहले सेमीफाइनल में पुनेरी पलटन ने पटना पाइरेट्स को हराकर लगातार दूसरी बार इस लीग के फाइनल में जगह बनाई। तो वहीं दूसरी तरफ डिफेंडिंग चैंपियन जयपुर पिंर पैंथर्स को हराकर हरियाणा स्टीलर्स पहली बार फाइनल में पहुंची। अब ये दोनों टीमें शुक्रुवार, 1 मार्च को खिताबी मुकाबले में भिड़ेंगी।
जैसा की आप जानते होंगे लीग स्टेज के दौरान अगर कोई मैच टाई हो जाता था तो दोनों टीमों को तीन-तीन अंक दिए जाते थे। लेकिन अब अगर प्लेऑफ में मैच टाई हो जाए तो क्या होगा? कौन सी टीम अगले चरण में आगे बढ़ेगी और कौन सी टीम घर जाएगी? इस आर्टिकल में हम आपको इन सबकी जानकारी देने जा रहे हैं।
PKL 10: फाइनल के दौरान कोई मैच टाई हो जाए तो क्या होगा?
- दोनों टीमों को 5-5 रेड करने का मौका मिलेगा।
- दोनों ही टीमों को इस दौरान 7-7 खिलाड़ियों को खिलाना होगा।
- मैच में पहली रेड करने वाली टीम को ही टाई ब्रेकर के दौरान पहली रेड करनी होगी।
- टाई ब्रेकर में बॉल्क लाइन ही बोनस लाइन बन जाएगी।
- टाई ब्रेकर में कोई भी खिलाड़ी आउट नहीं होगा और ना ही कोई रिवाइवल होगा, सिर्फ पॉइंट्स को ही गिना जाएगा।
- टीमों को 5 रेड के लिए 5 अलग रेडर्स को भेजना होगा।
अतिरिक्त समय के बाद भी कोई मैच टाई पर समाप्त हो तो क्या होगा?
यदि प्लेऑफ के दौरान अतिरिक्त समय के बाद भी टाई का नतीजा नहीं निकलता है, तो गोल्डन रेड कराया जाएगा। जिससे विजेता का फैसला होगा।
गोल्डन रेड क्या है?
प्लेऑफ के दौरान अगर अतिरिक्त समय के बाद भी दो टीमों के बीच मैच टाई होता है, तो एक गोल्डन रेड आयोजित की जाती है। रेफरी टॉस कराता है और जो टीम जीतती है वह रेड करती है।
गोल्डन रेड के नियम क्या हैं?
1. सबसे महत्वपूर्ण नियम परिवर्तन यह है कि बॉल्क लाइन को बोनस लाइन भी माना जाएगा। नियमित मैचों में, बॉल्क लाइन (सफेद लाइन) का उपयोग रेड को वैध बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन गोल्डन रेड में, इसे बोनस लाइन के रूप में उपयोग किया जाता है। यानी गोल्डन रेड के दौरान यदि रेडर उस रेखा को पार करने में सफल हो जाता है, तो उसकी टीम को एक अंक मिलता है। हालांकि, अगर डिफेंडर द्वारा उसे छूने के बाद रेडर बॉल्क लाइन को पार कर जाता है तो बोनस अंक नहीं दिया जाएगा।
2. बॉल्क लाइन को पार करने के बाद रेडर द्वारा प्राप्त कोई भी स्पर्श रेड पर उसके कुल अंकों में जोड़ा जाएगा। गोल्डन रेड के दौरान केवल रेडर द्वारा अर्जित कुल अंक ही गिने जाते हैं। यदि पहली टीम द्वारा अपनी गोल्डन रेड पूरी करने के बाद अंक बराबर होते हैं, तो दूसरी टीम को अपनी गोल्डन रेड का प्रयास करने का मौका मिलता है। यदि पहले रेड करने वाला खिलाड़ी एक भी अंक अर्जित करता है और मध्य रेखा को पार कर जाता है, तो उनकी टीम मैच जीत जाएगी।
3. यदि किसी खिलाड़ी को टाईब्रेकर के दौरान या नियमित मैच के दौरान निलंबन किया जाता है, तो उन्हें गोल्डन रेड के दौरान मैट पर रहने की अनुमति नहीं है। इसलिए उनकी टीम को कम खिलाड़ियों के साथ खेलना होगा। बाहर बैठने वाले खिलाड़ियों की संख्या सीधे विपक्षी टीम के स्कोर में जोड़ दी जाएगी।
4. अगर गोल्डन रेड पूरी होने के बाद दो टीमें बराबरी पर हैं, तो आगे कोई रेड नहीं होगी। फिर विजेता का फैसला करने के लिए सिक्का उछाला जाएगा।
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