यंग इंडियन फुटबॉल टीम के सामने फ्रेंडली मैच में होगा यूएई का चैलेंज
मेजबान टीम ब्लू टाइगर्स के सामने 29 मार्च को कड़ी चुनौती पेश करेगी।
इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के बेहतरीन सीजन के बाद अब इंडियन फुटबॉल टीम के खिलाड़ी इंटरनेशनल मैचों में बिजी हो गए हैं। युवा भारतीय टीम ने ओमान के खिलाफ अपने पहले मुकाबले में शानदार खेल दिखाया और मैच 1-1 से ड्रॉ रहा। टीम की तरफ से 10 प्लेयर्स ने डेब्यू किया और बेहतरीन प्रदर्शन किया। अब ब्लू टाइगर्स का अगला मुकाबला 29 मार्च को यूएई से होगा।
इंडियन टीम काफी लंबे समय बाद इंटरनेशनल मुकाबला खेल रही थी, इसके बावजूद खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। भारत का अगला मुकाबला 29 मार्च को यूएई से है और इंडियन फुटबॉल टीम की की ही तरह यूएई ने भी काफी समय से इंटरनेशनल मुकाबला नहीं खेला है। ऐसे में उनके लिए भी कतई आसान नहीं होगा।
हालिया रिजल्ट
फीफा वर्ल्ड कप 2022 के क्वालीफायर्स में यूएई का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। ग्रुप टेबल में टीम चौथे पायदान पर है। उन्हें थाइलैंड और वियतनाम से हार का सामना करना पड़ा था। टीम को केवल मलेशिया और इंडोनेशिया के खिलाफ जीत हासिल हुई थी। वहीं गल्फ कप में भी टीम को इराक और कतर से हार का सामना करना पड़ा था और इसी वजह से यूएई ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी।
टीम के बारे में
यूएई ने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन एएफसी एशियन कप 2019 में किया था, जहां उन्होंने अपने ग्रुप में टॉप किया था। एक्स्ट्रा टाइम में रोमांचक तरीके से उन्होंने किर्जिस्तान रिपब्लिक को हराया था। इसके बाद अगले मुकाबले में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को हराकर सबको चौंका दिया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ ये यूएई की पहली जीत थी। हालांकि, सेमीफाइनल मुकाबले में उन्हें कतर से हार का सामना करना पड़ा था।
तब से लेकर अभी तक टीम में कई सारे बदलाव आ गए हैं। अलबेर्टो जेशिरोनी की जगह बर्ट वैन मार्विक टीम के कोच बने। हालांकि वो उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए और यूएई को वर्ल्ड कप क्वालीफायर्स में थाईलैंड और वियतनाम के खिलाफ लगातार शिकस्त झेलनी पड़ी। वहीं गल्फ कप में भी उन्हें ग्रुप स्टेज से ही बाहर होना पड़ा था। यही वजह रही कि 9 महीने के अंदर ही उन्हें हटा दिया गया। इस समय यूएई की टीम ट्रांजिशन पीरियड से गुजर रही है।
कोच
यूएई ने कई कोचों को आजमाया। सर्बिया के इवान जोवानोविच और कोलंबिया के जॉर्ज ल्युईस पिंटो को भी टीम की कमान सौंपी गई लेकिन बेहतर रिजल्ट नहीं मिलने की वजह से एक बार फिर बर्ट वैन मार्विक को हेड कोच बनाया गया। ये फैसला मार्विक के बेहतरीन कोचिंग करियर को देखते हुए लिया गया था। उनकी कोचिंग में 2010 के फीफा वर्ल्ड कप में नीदरलैंड की टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था।
इसके अलावा उनकी कोचिंग में ही सऊदी अरब ने 2018 के वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई किया था। हालांकि वर्ल्ड कप से पहले उन्होंने कोचिंग छोड़ दी थी क्योंकि उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका था। नेशनल टीमों के अलावा वैन मार्विक बोरूसिया डोर्टमंड और हैमबर्गर जैसी क्लबों के भी मैनेजर रह चुके हैं। यूएई के साथ इस बार वो बेहतर परफॉर्मेंस करना चाहेंगे।
इन खिलाड़ियों पर निगाहें रहेंगी
अली मैकहाउट
अली मैकहाउट बिना किसी शक के इस वक्त एशिया के बेस्ट फॉरवर्ड्स में से एक हैं। वो यूएई फुटबॉल के गोल्डन जेनरेशन से आते हैं। ओमार अब्दुलरहमान और अहमद खलील के उलट मैकहाउट अभी भी जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। वर्ल्ड कप क्वालीफायर्स में वो दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले प्लेयर हैं। अली अभी तक कुल छह गोल कर चुके हैं और अपने सेट पीसेस से वो इंडियन टीम के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं।
खालफान मुबारक
खालफान मुबारक भी इस सीजन जबरदस्त फॉर्म में हैं। खालफान अपनी विविधता के लिए जाने जाते हैं। वो स्ट्राइकर के पीछे भी खेल सकते हैं और फ्लैंक के दूसरी तरफ भी रह सकते हैं। एएफसी एशियन कप के अपने आखिरी मुकाबले में उन्होंने भारत के खिलाफ गोल भी किया था। मुबारक काफी तेज हैं और अगर उन्हें स्पेस मिला तो फिर वो टीम इंडिया के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।
फेबियो वर्जिनियो डी लिमा
फेबियो लिमा ने अपना डेब्यू पूर्व कोच जॉर्ज ल्युईस पिंटो की कोचिंग में किया था। नेशनल टीम के लिए उनका परफॉर्मेंस काफी अच्छा रहा। यूएई गल्फ लीग में उन्होंने सिर्फ 18 मुकाबलों में 19 गोल किए थे और तीन असिस्ट दिए थे। अगर उन्हें टीम में जगह मिलती है तो फिर वो अपोजिशन डिफेंडर्स के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
क्या उम्मीद करें ?
पिछले कुछ सालों में यूएई नेशनल टीम के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरे समय रहे हैं। एएफसी एशियन कप में उन्होंने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। हालांकि इसके बाद गल्फ कप में थाईलैंड और वियतनाम से हारकर उन्हें ग्रुप स्टेज से ही बाहर होना पड़ा था। इसलिए वो उम्मीद करेंगे कि वैन मार्विक अपनी बेहतरीन रणनीति से उन्हें वर्ल्ड कप क्वालीफायर्स के अगले राउंड में ले जाएं।
हालांकि, ट्रांजिशन पीरियड होने की वजह से कई सारे प्लेयर नेशनल टीम सिस्टम का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए प्लेयर्स के बीच तालमेल बैठाना काफी बड़ी चुनौती रहेगी। वहीं अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान कोच मार्विक खुद बेहतरीन रिजल्ट हासिल करना चाहेंगे। इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि यूएई भारत के खिलाफ अटैकिंग फुटबॉल खेल सकती है। निश्चित तौर पर इंडियन टीम के लिए ये चुनौती आसान नहीं रहने वाली है।
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