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स्काउटिंग रिपोर्ट: कौन हैं चेन्नईयन एफसी के उभरते हुए स्ट्राइकर अमन छेत्री ?

Published at :May 27, 2020 at 9:30 PM
Modified at :May 27, 2020 at 9:35 PM
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Neeraj


नेशनल टीम की यूथ साइड्स के लिए 18 वर्षीय फारवर्ड ने अपने टैलेंट की झलक दिखाई है।

मौजूदा समय में इंडियन फुटबॉल के सबसे बेहतरीन उभरते टैलेंट्स में से एक अमन छेत्री इंडियन एरोज के लिए लोन पर खेल रहे हैं। चेन्नईयन एफसी ने उन्हें वहां लोन पर भेजा है, लेकिन अमन अपने स्किल्स को बेहतर करके अपनी टीम में रेगुलर जगह हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

अमन छेत्री ने इंडियन टीम के लिए यूथ लेवल पर खेला है और पिछले सीजन ही उन्होंने अपना फुल आई-लीग डेब्यू किया था। भले ही इस स्ट्राइकर को अभी सीनियर साइड में जगह नहीं मिल रही है, लेकिन यूथ टीम्स के लिए उनका प्रदर्शन शानदार रहा है।

रूस में एक टूर्नामेंट के दौरान लगी चोट के कारण अमन छेत्री को 2017 में हुए फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप में अपनी जगह गंवानी पड़ी थी। हालांकि, उन्होंने लगातार अपने खेल के स्तर को बढ़ाने का प्रयास किया है और वह आने वाले सालों में नेशनल और क्लब टीमों की सीनियर साइड में रेगुलर जगह हासिल करने की कोशिश करेंगे।

स्काउटिंग रिपोर्ट

उम्र- 18 साल

डेट ऑफ बर्थ- 26 जुलाई 2001

पोजिशन- स्ट्राइकर

हाइट- 169 सेंटीमीटर

बैकग्राउंड

पूर्व फुटबॉलर के बेटे अमन छेत्री के खून में ही फुटबॉल है। स्कूल के दिनों से ही उन्होंने फुटबॉल खेलना शुरु कर दिया था और यही कारण है कि एआईएफएफ स्काउट्स ने उन्हें गुवाहाटी में उन्हें 300 लोगों के बीच सलेक्ट किया था। एफसी अंडर-16 एशियन चैंपियनशिप 2016 में सउदी अरब के खिलाफ 3-3 से ड्रॉ रहे मुकाबले में अमन छेत्री ने क्लोज रेंज से गोल दागा था।

पूर्व इंडियन अंडर-17 कोच निकोलाई एडम के अंडर अमन छेत्री ने स्पेन, जर्मनी, पुर्तगाल और ब्राज़ील में किए गए एक्सपोजर ट्रिप्स पर दर्जन से ज़्यादा गोल दागे थे। हालांकि, रूस में ग्रैनैटकिन मेमोरियल टूर्नामेंट के दौरान उन्हें गंभीर चोट लगी और वह लंबे समय के लिए टीम से बाहर हो गए और अंडर-17 वर्ल्डकप खेलने का मौका भी चूक गए। 2018 में स्पेन में खेले गए कोटिफ अंडर-20 कप के दौरान उन्होंने वापसी की और अर्जेंटीना अंडर-20 को हराने वाली टीम का हिस्सा रहे।

इसके बाद वह इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की दो बार की चैंपियन चेन्नईयन एफसी पहुंचे और अंडर-18 तथा रिजर्व साइड के रेगुलर मेंबर बने। अंडर-18 साइड के लिए उन्होंने नौ मैचों में एक हैट्रिक सहित सात गोल दागे जिसमें असिस्ट की भी हैट्रिक शामिल थी। 2019-20 आई-लीग सीजन के लिए उन्होंने लोन पर इंडियन एरोज भेज दिया गया।

पॉजिटिव

अमन छेत्री को ऐसा स्ट्राइकर बताया जाता है जिसका निशाना गोल पर ही रहता है। उनके पास बेहतरीन पेस है और वह गोल के सामने खुद को शांत रख पाते हैं। चोटिल होने के पहले तक उन्हें अंडर-17 वर्ल्डकप में इंडियन टीम का मेन स्ट्राइकर माना जा रहा था, वह टूर्नामेंट में भले ही नहीं खेल पाए लेकिन उसके बाद हुए दौरों पर दमदार प्रदर्शन किया।

वह सटीक समय पर बॉक्स में स्पेस हासिल करने में कामयाब रहते हैं और इसी कारण लगातार गोल दागते हैं। वह कई हद तक मैनचेस्टर यूनाइटेड के पूर्व स्ट्राइकर हावियर हर्नांन्डिज से मेल खाते हैं।

कहां है इम्प्रूवमेंट की जरूरत और क्या है भविष्य

युवा खिलाड़ी ने अभी खुद को बड़े स्टेज पर साबित नहीं किया है। कई बार देखा गया है कि वह बड़े और ताकतवर डिफेंडर्स के सामने बेबस हो जाते हैं और कई गेम्स में अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाते हैं। 18 साल की उम्र में उनके पास सुधार करने के लिए काफी समय है, लेकिन वह फिलहाल फिजिकल तौर पर मजबूत बनना चाहेंगे। अमन छेत्री के पास टैलेंट की कोई कमी नहीं है और उनका भविष्य उन्हीं के हाथ में है।

यंग करियर में ही गंभीर चोट से वापसी करके उन्होंने यह दिखा दिया है कि वर्ल्ड फुटबॉल में टिके रहने के लिए जरूरी मेहनत करने के लिए वह तैयार हैं। अपने करियर को अगले लेवल पर ले जाने के लिए उन्हें अब सीनियर टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

पोजेशन हासिल करने में आसानी और गोल पर निशाना लगाए रहने की स्किल के साथ छेत्री देश में अपने गेम को टॉप लेवल पर ले जा सकते हैं।

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