आईएसएल: टॉप-10 ग्लोबल सुपरस्टार्स जिन्हें हमें लीग में देखने की उम्मीद नहीं थी

इन टॉप खिलाड़ियों ने इंडियन फुटबॉल में एक नए दौर का आगाज किया।
इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के शुरुआती वर्षों में कई स्टार खिलाड़ी इस लीग का हिस्सा रहे। इन स्टार खिलाड़ियों को यह सोचकर क्लबों में शामिल किया जा रहा था कि उनके दम पर दुनिया भर के फैंस का ध्यान इस नई लीग की ओर खींचा जा सकेगा।
इनमें से कई ऐसे खिलाड़ी थे जो आईएसएल का हिस्सा बनने से पहले ही भारत में अपने फैंस बना चुके थे और अपने आयडल को अपने सामने खेलते देखना भारतीय फैंस के लिए काफी खास रहा। आज ऐसे ही स्टार खिलाड़ियों के बारे में हम आपको बता रहे हैं:
10. इलानो ब्लूमर
इलानो को सबसे पहले चेन्नईयन एफसी ने पहले सीजन के दौरान साइन किया था। मैनचेस्टर सिटी का यह खिलाड़ी उनकी उम्मीदों पर खरा उतरा और उनके लिए दो सीजन में खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। साल 2014 में इलानो लीग में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी थे। वहीं इसके अगले साल उन्होंने चार गोल किए और चार असिस्ट भी दिए थे। उनके इसी प्रदर्शन के दम पर चेन्नईयन ने उस साल पहला खिताब अपने नाम किया था।
9. हेल्डर पोस्तीगा
साल 2015 में पुर्तगाल के इस खिलाड़ी को एटीके ने अपनी टीम में शामिल किया था। उन्हें लुईस गार्सिया की जगह लिया गया था। पोस्तीगा ने आईएसएल के अपने पहले ही मैच में शानदार गोल किया था, हालांकि इसके बाद उन्हें हैमस्ट्रिंग इंजरी हो गई थी और वह पूरे सीजन में कोई और मैच नहीं खेले। आईएसएल के तीसरे सीजन के लिए वह फिर से एटीके में शामिल हुए और 11 मैच खेले जिसमें उन्होंने दो गाल और तीन एस्सिट किए। रिटायरमेंट से पहले उन्होंने एटीके को उसका दूसरा खिताब जिताया।
8. लूसियो
लूसियो अपने करियर में बायर्न म्यूनिख, इंटर मिलान और युवेंट्स जैसे क्लबों के लिए खेल चुके थे। इसलिए जब साल 2015 में गोवा ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया तो इसे बड़ा कदम माना गया। वह एफसी गोवा के साथ दो सीजन तक जुड़े रहे और 19 मैच खेले। साल 2015 में पहली बार गोवा की ओर से खेलते हुए उन्होंने टीम को फाइनल तक पहुंचाया था। हालांकि, अगले सीजन में टीम सबसे निचले स्थान पर रही थी।
7. डेविड ट्रेजेगे

डेविड को बेहतरीन स्ट्राइकर माना जाता है जो कि युवेंट्स और फ्रांस दोनों ही टीमों के लिए अहम रहे थे। वह साल 1998 में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली फ्रेंच टीम का भी हिस्सा रहे थे। वहीं उनके गोल की मदद से ही फ्रांस ने यूरो 2000 जीता था। डेविड साल 2014 में आईएसएल की टीम एफसी पुणे से जुड़े थे और आठ मैच में दो गोल किए थे। इसके अगले साल 2015 में उन्होंने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी।
6. दिमितर बरबाटोव
दिमितर बरबाटोव अपने करियर में मैनचेस्टर यूनाइटेड और टोटेनहम हॉट्सपर के लिए खेलते हए इंग्लैंड में स्टार बन गए थे। 2017-18 में वह अपने मैनचेस्टर यूनाइटेड के पूर्व कोच रेने म्यूलेनस्तीन के साथ केरला ब्लास्टर्स से जुड़े लेकिन टीम के लिए उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। उन्होंने नौ मैचों में केवल एक गोल किया और हेड कोच डेविड जेम्स से भी उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे।
5. फ्लोरेंट मालोदा
फ्लोरेंट मालोदा ल्यों और चेल्सी जैसे क्लब के लिए खेल चुके थे और चार लीग-1 टाइटल भी जीत चुके थे। मालोदा को दिल्ली डायनामोज ने आईएसएल के दूसरे सीजन के लिए साईन किया था और वह दो सीजन तक टीम के अहम खिलाड़ी रहे थे। उन्होंने दो सीजन में 32 मैच खेले जिसमें तीन गोल किए और 13 एसिस्ट किए थे। क्लब दोनों सीजन में सेमीफाइनल में पहुंचा था।
4. एलेसेंड्रो डेल पियरो
इटली और युवेंट्स के दिग्गज खिलाड़ी एलेसेंड्रो आईएसएल के पहले सीजन में दिल्ली डायनामोज की ओर से खेले थे। हालांकि, अपने कद के मुताबिक वह प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। उन्होंने दिल्ली की ओर से खेलते हुए केवल एक गोल किया। दिल्ली उस सीजन में पांचवें स्थान पर रही थी और प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाई थी। इसके अगले सीजन में उन्होंने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था।
3. डिएगो फोरलान

उरुग्वे के दिग्गज खिलाड़ी डिएगो फोरलान अपने देश के लिए 100 मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी थे। वह साल 2010 में हुए फीफा वर्ल्ड कप में गोल्डन बॉल के विजेता थे और उन्होंने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल किए थे। आईएसएल के तीसरे सीजन में वह मुंबई सिटी से जुड़े थे। उन्होंने 12 मैच में पांच गोल किए। उनके प्रदर्शन के दम पर मुंबई सिटी पहली बार प्लेऑफ में पहुंचने में कामयाब रही और लीग राउंड में टॉप पर काबिज थी।
2. रॉबर्ट पीरेस
आर्सनल का यह स्टार रिटायरमेंट से वापसी के बाद आईएसएल के पहले सीजन में शामिल हुआ था। वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी ने गोवा से नाता जोड़ा और टीम के लिए आठ मैच खेले। हालांकि, उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और वह केवल एक ही गोल कर पाए। हालांकि, उनके अनुभव और नॉलेज का क्लब के लोकल खिलाड़ियों को काफी फायदा हुआ।
1. रोबर्टो कारलोस
रोबर्टो कारलोस फुटबॉल के स्टार खिलाड़ियों में शामिल रहे हैं। कारलोस 11 साल तक रियाल मैड्रिड से जुड़े रहे थे और क्लब को चार बार ला-लीगा और तीन बार यूएफा चैंपियंस लीग जिताया था। वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ-साथ वह दो बार कोपा अमेरिका का खिताब जीतने में कामयाब रहे थे। वह फुटबॉल की दुनिया के सबसे बड़े नामों में शामिल थे और आईएसएल में भी खेलने वाले सबसे बड़े स्टार बने।
वह साल 2015 में दिल्ली डायनामोज से जुड़े थे। कारलोस को क्लब ने बतौर खिलाड़ी और कोच क्लब से जोड़ा था। टीम उस सीजन में सेमीफाइनल में पहुंची थी लेकिन अपनी फिटनेस के कारण वह बतौर खिलाड़ी प्रभावित करने में नाकाम रहे थे।
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