प्रो कबड्डी लीग सीजन 9 टीम प्रोफाइल: हरियाणा स्टीलर्स
टीम इस सीजन मनप्रीत सिंह की कोचिंग में खेलेगी।
हरियाणा स्टीलर्स अपने कोच राकेश कुमार के नेतृत्व में प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) सीजन 8 में सातवें स्थान पर रही थी, पिछले प्रदर्शन को देखते हुए मैनेजमेंट ने इस सीजन कुछ अहम बदलाव किए हैं। टीम नें गुजरात टाइटंस के कोच मनप्रीत सिंह को टीम में शामिल किया है। स्टीलर्स की टीम अपने छोटे पीकेएल कैरियर में सिर्फ दो बार प्लेऑफ्स तक पहुँचने में सफल रही है और वो इस दफ़ा सीजन के अंत तक टॉप पर रहना चाहेगी।
मनप्रीत सिंह के पास पटना पाइरेट्स को अपनी कप्तानी में खिताब जीताने (सीजन 3) और गुजरात जायंट्स को दो बार (सीजन 6 और 7) फाइनल तक ले जाने का अनुभव है। मैट पर वो अपनी आक्रमकता के लिए जाने जाते हैं और वो ऐसा ही कुछ हरियाणा स्टीलर्स के खेल में भी लाना चाहेंगे। इस लेख में आइए हम देखते हैं स्टीलर्स की टीम सक्वाड, ताकत और कमजोरियों के बारे में।
टीम की ताकत:
टीम में लेफ्ट कवॅर डिफेंडर जयदीप और राइट कॅवर डिफेंडर मोहित को रिटेन करने की वजह से टीम का डिफेंस कागज पर काफी मजबूत दिख रहा है। खासकर डेब्यूडंट जयदीप का प्रदर्शन पिछले सीजन काफी शानदार रहा था। उन्होंने पिछले सीजन 22 मैचों में 66 टैकल प्वांइट हासिल किया था। वो सबसे ज्यादा टैकल प्वांइट लेने के मामले में दूसरे स्थान पर रहे थे जिसमें उनका टैकल स्ट्राइक रेट 57% का था।
वहीं राइट कॅवर डिफेंडर मोहित नें 22 मैचों में कुल 42 प्वांइट हासिल किए थे। वो अपने जबरदस्त एंकल होल्ड के लिए जाने जाते हैं। इन दोनों को रिटेन करने का टीम का फैसला काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इन दोनों के पास टीम के लिए एक पूरा सीजन खेलने का अनुभव है।
जोगिंदर नरवाल ईरान के अमीर हुसैन बस्तामी के साथ जोड़ी बनाएंगे। बस्तामी ने 2019 विश्व जूनियर कबड्डी चैंपियनशिप खिताबी दौड़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं जोगिंदर इससे पहले सीजन 7 में दबंग दिल्ली की कप्तानी कर चुके हैं जिसमें उन्होंने बतौर डिफेंडर 22 मैचों में 49 टैकल प्वांइट हासिल किए। हालंकि उनके गिरते प्रदर्शन की वजह से दिल्ली को उन्हें रिलीज करने को मजबूर होना पड़ा।
अतीत में हमने देखा है कि कैसे धर्मराज चेरालाथन ने उम्र को धता बताते हुए दी और बेहतर प्रदर्शन किया। ऐसे ही किसी प्रदर्शन की उम्मीद जोगिंदर नरवाल से भी होगी।
मनप्रीत सिंह आक्रमक डिफेंडरों को ज्यादा पसंद करते हैं जो कि हमनें गुजरात टाइटंस की टीम में भी देखा। सीजन 9 में हरियाणा स्टीलर्स के साथ भी उनसे ऐसी ही रणनीति की उम्मीद होगी।
टीम की कमजोरी:
टीम के रेडिंग डिपार्टमेंट में कोई बड़ा और मजूबत नाम नहीं है जो व्यक्तिगत तौर पर 200 या उससे ज्यादा रेड प्वांइट हासिल कर सके। हरियाणा ने मंजीत, प्रपंजन, मीतू, को टीम में शामिल किया है वहीं विनय को रिटेन किया था।
मंजीत और प्रपंजन दोनों पिछले सीजन तमिल थलाइवाज के साथ थे और बाद में चोट से पीड़ित रहे। थलाइवाज ने मंजीत को 90 लाख में खरीदा लेकिन वह मुख्य रेडर के रूप में उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।
मंजीत बोनस लेने के मामले में बहुत अच्छे हैं लेकिन उन्हें इसका फायदा उठाने की जरूरत है जहां पहले से ही टीम में बहुत कम रेडर हैं। उनके पास जयपुर के लिए खेलने का बहुत अनुभव है और यह बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होने वाला है।
वहीं प्रपंजन गुजरात में मंजीत के अंदर खेल चुके हैं और बंगाल की खिताबी जीत में उनका अहम योगदान था। इनका कैरियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है जिसमें निरंतरता की कमी रही है। वो टीम में बतौर सेकेंडरी रेडर के रूप में खेलेंगे जिसके पास बोनस लाने की क्षमता है।
राकेश नरवाल टीम के लिए छुपा रुस्तम साबित हो सकते हैं और महत्वपूर्ण मोड़ पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं लेकिन उनकी ये क्षमता उनके प्वांइट टैली दिखाई नहीं देती है। इस सीजन उन्हें मंजीत के पूरक के तौर पर और अधिक रेड प्वांइट हासिल करने की जरूरत है।
विनय पिछले कुछ सीजन से हरियाणा स्टीलर्स का हिस्सा रहे है औऱ इस सीजन उन्हें रिटेन किया। वो टीम के प्राइमरी रेडर को रिवाइव करने में बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे। कागजी तौर टीम के सभी रेडर्स काफी मजबूत दिख रहे हैं लेकिन इन सबका पिछला सीजन अच्छा नहीं रहा था।
खिलाड़ी जिनपर सबकी होगी नजर
पिछले सीजन के डेब्यूडेंट लंबे-चौड़े कद काठी के रेडर मीतू एक शानदार खिलाड़ी हैं। रेडिग के दौरान जब कम डिफेंडर्स हों वो अपनी ऊंचाई का उपयोग कर सकते हैं। टीम के दूसरे रेडर लवप्रीत सिंह होंगे जो हाल ही में खेलो इंडिया गेम्स के लिए खेल चुके हैं।
टीम की रेडिंग में गहराई है लेकिन स्ट्रैंथ के लिए युवाओं को भविष्य के लिए अच्छी तरह से तैयार करने की जरूरत है।
मंजीत सिंह खिताब जीतने के लिए कभी भी स्टार खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं रहे। वो टीमवर्क में विश्वास रखते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वो डिफेंस को मजबूत बनाते हैं। पहले उन्होंने सचिन को तैयार किया जो अब पटना के स्टार खिलाड़ी बन गए हैं।
मंजीत खिलाड़ियों को उनकी प्रतिभा के अनुसार जिम्मेदारी सौंपते हैं और अगर हम महेंद्र गणेश राजपूत को देखते हैं तो वो बोनस के लिए जान लगा देंगे और इसके अलावा हम उन्हें नियमित रूप से खेलते हुए नहीं देख पाएंगे। वो मुश्किल समय में टीम के एक महत्वपूर्ण रेडर बने और अपने काम में परफेक्शन हासिल की है।
हरियाणा स्टीलर्स के पास भी बड़े खिलाड़ी नहीं हैं लेकिन टीम के पास पूरी काबिलियत है कि वो प्लेऑफ्स और उससे आगे पहुँचे।
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