पीकेएल 8 रिव्यू : लगातार टाई मैचों की वजह से तमिल थलाइवाज का सपना टूटा

(Courtesy : PKL)
टीम ने इस सीजन सबसे ज्यादा छह टाई मुकाबले खेले।
प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के 8वें सीजन में तमिल थलाइवाज की टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। टीम ने 22 में से केवल पांच ही मुकाबले जीते और 11 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यही वजह रही कि तमिल थलाइवाज प्वॉइंट्स टेबल में 11वें पायदान पर रही। केवल तेलुगु टाइटंस से ही वो ऊपर थे। टीम प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई और उनका पीकेएल ट्रॉफी जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया।
तमिल थलाइवाज के इस खराब परफॉर्मेंस के पीछे कई कारण रहे। सीजन की शुरूआत अच्छी तरह से करने के बाद टीम बाद में जाकर लड़खड़ा गई। यही वजह है कि वो अंतिम-6 में अपनी जगह नहीं बना पाए।
टीम के नेगेटिव प्वॉइंट्स
तमिल थलाइवाज ने सीजन की शुरूआत में तो अच्छा प्रदर्शन किया था। हालांकि जैसे-जैसे पीकेएल का कारवां आगे बढ़ता गया टीम अपनी लय खोने लगी। एक समय तमिल थलाइवाज प्लेऑफ में आसानी से जगह बनाती दिख रही थी, लेकिन आखिरी पांच मैचों में उन्हें लगातार हार का सामना करना पड़ा। यही वजह है कि वो सिर्फ ना प्लेऑफ की रेस से बाहर हुए, बल्कि प्वॉइंट्स टेबल में भी काफी निचले पायदान पर रहे।
तमिल थलाइवाज का सबसे निगेटिव प्वॉइंट ये रहा कि कई मैचों में जीत के पोजिशन में होने के बावजूद आखिरी लम्हों में आकर मुकाबला गंवा दिया। लास्ट मोमेंट में की गई गलतियों की वजह से टीम कई मैचों में जीत हासिल नहीं कर पाई। यही वजह रही कि उन्होंने इस सीजन सबसे ज्यादा छह टाई मुकाबले खेले। अगर इन मैचों में टीम को जीत मिली होती तो वो प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर जाते।
टीम के पॉजिटिव प्वॉइंट्स
तमिल थलाइवाज का प्रदर्शन भले ही पीकेएल के 8वें सीजन में काफी निराशाजनक रहा। हालांकि कई चीजें ऐसी रहीं जो उनके लिए काफी पॉजिटिव रहीं। युवा प्लेयर मंजीत का परफॉर्मेंस टीम के लिए एक अच्छा संकेत है। उन्होंने 20 मैचों में 159 प्वॉइंट हासिल किए और लगभग अकेले रेडिंग की जिम्मेदारी संभाली। वहीं अजिंक्य पंवार ने भी 18 मैचों में 108 प्वॉइंट हासिल किए। ये दोनों खिलाड़ी आगे के सीजन में भी कमाल कर सकते हैं।
किन खिलाड़ियों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया
तमिल थलाइवाज के लिए इस पीकेएल सीजन ज्यादा कुछ अच्छा तो नहीं रहा लेकिन सागर ने डिफेंस में अपनी एक अलग छाप छोड़ी। सागर ने इस पीकेएल सीजन कुल मिलाकर 22 मुकाबले खेले और उसमें उन्होंने 82 टैकल प्वॉइंट हासिल किए। वो इस सीजन दूसरे सबसे ज्यादा टैकल प्वॉइंट हासिल करने वाले डिफेंडर रहे। उनसे आगे पटना पाइरेट्स के मोहम्मदरेजा रहे जिन्होंने 24 मैचों में 89 टैकल प्वॉइंट हासिल किए।
यही नहीं सागर पीकेएल के 8वें सीजन में दूसरे सबसे ज्यादा हाई फाइव लगाने वाले डिफेंड रहे। उन्होंने कुल आठ हाई-फाइव लगाए। सागर ने कई मौकों पर अपने डिफेंस के बल पर टीम की वापसी कराई।
किन खिलाड़ियों का परफॉर्मेंस निराशाजनक रहा
तमिल थलाइवाज के लिए कई प्लेयर ऐसे रहे जो उस तरह का खेल नहीं दिखा पाए जिसकी उनसे उम्मीद थी। प्रमुख रेडर एम एस अतुल का परफॉर्मेंस काफी निराशाजनक रहा। वो 13 मैचों में सिर्फ 27 रेड प्वॉइंट ही हासिल कर पाए। अगर अतुल एम एस रेडिंग में मंजीत को अच्छा सपोर्ट देते तो स्थिति अलग हो सकती थी।
वहीं टीम के कप्तान और दिग्गज डिफेंडर सुरजीत सिंह का परफॉर्मेंस भी उतना अच्छा नहीं रहा जिसकी उनसे उम्मीद थी। सुरजीत ने 20 मैचों में 53 टैकल प्वॉइंट हासिल किए और सबसे ज्यादा टैकल के मामले में 10वें पायदान पर रहे। सुरजीत सिंह जैसे डिफेंडर से इससे ज्यादा की उम्मीद रहती है कि वो टॉप-5 में जरूर अपनी जगह बनाएंगे। हालांकि वो सागर को हर मुकाबले में बेहतर असिस्ट नहीं दे सके।
आगामी सीजन के लिए टीम को क्या बदलाव करने चाहिए
तमिल थलाइवाज के लिए ये पीकेएल सीजन तो काफी निराशाजनक रहा। ऐसे में उन्हें अब अगले सीजन की तरफ ध्यान देना चाहिए। रेडिंग डिपार्टमेंट को मजबूत करना होगा। मंजीत को असिस्ट करने के लिए एक और बेहतरीन रेडर को लाना होगा। आप सिर्फ अकेले किसी एक रेडर पर डिपेंड नहीं रह सकते हैं। टीम को चाहिए कि वो ऑलराउंडर प्लेयर्स पर ज्यादा ध्यान दें। इसके अलावा लास्ट मिनट में आकर दबाव में टीम बिखरे ना। कोच को इस पर काफी ध्यान देना होगा।
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