मोहम्मद शमी को कलकत्ता हाईकोर्ट से लगा बड़ा झटका, एक्स वाइफ हसीन जहां को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये

हसीन जहां को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी एक बार फिर अपनी निजी जिंदगी को लेकर सुर्खियों में हैं। खेल के मैदान पर शानदार प्रदर्शन करने वाले शमी इस बार कोर्ट के एक बड़े फैसले के चलते चर्चा में आ गए हैं, जो उनकी पत्नी हसीन जहां से जुड़ा है।
हसीन जहां और शमी के बीच विवाद लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन अब इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक अहम निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने तेज गेंदबाज को यह आदेश दिया है कि वे अपनी पत्नी हसीन जहां और बेटी को हर महीने कुल 4 लाख रुपये का भरण-पोषण दें। इसमें से 1.5 लाख रुपये हसीन जहां के लिए और 2.5 लाख रुपये बेटी के लिए होंगे।
हसीन जहां ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। हसीन जहां ने यह आरोप लगाया था कि शमी उनके और उनकी बेटी के लिए ज़रूरी खर्च तक नहीं दे रहे हैं। पहले निचली अदालत ने साल 2023 में यह तय किया था कि शमी हसीन को 50 हजार रुपये और बेटी को 80 हजार रुपये प्रति माह दें, लेकिन हसीन जहां इस फैसले से संतुष्ट नहीं थीं और उन्होंने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी।
कोर्ट ने शमी की आमदनी को देखते हुए बढ़ाया भत्ता
कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि मोहम्मद शमी की आमदनी और वित्तीय स्थिति ऐसी है कि वे इससे कहीं ज़्यादा रकम दे सकते हैं। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को संशोधित करते हुए भरण-पोषण की राशि को 4 लाख रुपये प्रति माह कर दिया।
पत्नी और बेटी को मिले सम्मानजनक जीवन – कलकत्ता हाई कोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज अजय कुमार मुखर्जी ने अपने आदेश में कहा कि हसीन जहां अभी तक शादीशुदा जीवन के दौरान जिस जीवन स्तर पर थीं, उसे ध्यान में रखते हुए उन्हें और उनकी बेटी को पर्याप्त आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। कोर्ट ने माना कि हसीन जहां अब भी अकेले रह रही हैं और अपनी बेटी की परवरिश कर रही हैं, इसलिए उन्हें उचित आर्थिक सुरक्षा मिलना ज़रूरी है।
हसीन जहां के वकील ने फैसले को बताया बड़ी जीत
हसीन जहां के वकील इम्तियाज़ अहमद ने कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह हसीन जहां के लिए एक बड़ी जीत है। उन्होंने बताया कि 2018 से लेकर 2024 तक हसीन जहां लगातार न्याय के लिए संघर्ष कर रही थीं, लेकिन अब जाकर उन्हें राहत मिली है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, यह रकम हर महीने दी जाएगी, और भविष्य में बेटी को ज़रूरत पड़ने पर शमी को सहायता देनी होगी।
ट्रायल कोर्ट को छह महीने में फैसला निपटाने के निर्देश
हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को यह भी निर्देश दिया है कि वह इस केस के अंतिम फैसले की सुनवाई छह महीने के भीतर पूरी करे। हसीन जहां के वकील ने यह भी संभावना जताई है कि अगर अंतिम सुनवाई में कोर्ट को उचित लगा, तो यह रकम बढ़ाकर 6 लाख रुपये प्रति माह भी की जा सकती है। क्योंकि हसीन जहां ने अपने आवेदन में 7 लाख रुपये खुद के लिए और 3 लाख रुपये बेटी के लिए मांगे थे।
पहले भी विवादों में रहे हैं मोहम्मद शमी
यह पहली बार नहीं है जब मोहम्मद शमी का नाम कानूनी विवादों में आया है। इससे पहले भी उनकी पत्नी हसीन जहां ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिनमें घरेलू हिंसा और धोखा शामिल था। हालांकि, क्रिकेट के मैदान पर शमी का प्रदर्शन शानदार रहा है, लेकिन उनकी निजी ज़िंदगी अक्सर विवादों में घिरी रही है।
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