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कबड्डी न्यूज

प्रो कबड्डी लीग सीजन 8 में तमिल थलाइवाज की स्ट्रेंथ और वीकनेस

Published at :September 24, 2021 at 11:57 PM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : Pro Kabaddi League)

Shaunak Ghosh


नए खिलाड़ियों के सहारे टीम जीत की नई इबारत भी लिखना चाहेगी।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) सीजन 8 के ऑक्शन के बाद सारी टीमें पूरी तरह से तैयार हैं। कोरोना वायरस की वजह से लंबे गैप के बाद लीग की वापसी हो रही है। ऑक्शन में सभी फ्रेंचाइजी ने अपने-अपने कॉम्बिनेशन के हिसाब से बोली लगाई और अपने मनपसंद खिलाड़ियों को खरीदा।

तमिल थलाइवाज की टीम ने भी प्रो कबड्डी लीग के ऑक्शन में कई बेहतरीन प्लेयर्स को खरीदा। टीम ने कई सारे दिग्गज खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया था और इसी वजह से ऑक्शन में उन्हें नए सिरे से टीम बनानी पड़ी। उन्होंने युवा खिलाड़ियों को भी इस बार ऑक्शन में खरीदा।

हम आपको इस आर्टिकल में तमिल थलाइवाज के स्ट्रेंथ और वीकनेस के बारे में बताएंगे।

टीम की स्ट्रेंथ

टीम के पास बेहतरीन युवा रेडर्स की फौज है मौजूद

तमिल थलाइवाज की टीम में इस सीजन ज्यादा बड़े स्टार प्लेयर्स नहीं हैं। ऑक्शन के दौरान फ्रेंचाइजी ने युवा खिलाड़ियों पर जोर दिया है और यही वजह है कि रेडिंग डिपार्टमेंट में टीम के पास कई बेहतरीन युवा रेडर्स मौजूद हैं। अतुल एम एस, मंजीत, के प्रपंजन और अजिंक्य पवार जैसे रेडर तमिल थलाइवाज के पास मौजूद हैं जो काफी जबरदस्त प्रदर्शन कर सकते हैं। युवा खिलाड़ियों के साथ एक प्लस प्वॉइंट ये होता है कि इंजरी की संभावना काफी कम हो जाती है और इससे टीम का एक मोमेंटम बना रहता है।

अतुल एम एस ने प्रो कबड्डी लीग के सीजन छह में अपना डेब्यू किया था और तब से लेकर अभी तक वो काफी उपयोगी खिलाड़ी साबित हुए हैं। उनकी खासियत ये है कि वो लंबे कद के खिलाड़ी हैं और बोनस काफी आसानी से लाते हैं। यही वजह है कि टीम को वो डू और डाई रेड से बचा लेते हैं और इससे रेडर्स के ऊपर से प्रेशर काफी कम हो जाता है। पिछले सीजन यू-मुम्बा के लिए उन्होंने 18 मैचों में 58 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे और इस सीजन तमिल थलाइवाज के लिए भी काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं।

मंजीत कर सकते हैं कमाल

मंजीत की अगर बात करें तो प्रो कबड्डी लीग के सीजन सात में पुणेरी पलटन के लिए उन्होंने अपनी स्किल से सबको प्रभावित किया था। अपने डेब्यू सीजन में उन्होंने 100 से ज्यादा और अगले सीजन में 150 प्वॉइंट हासिल किए थे। मंजीत भी लंबे कद के हैं और इसी वजह से उनकी पहुंच काफी बड़ी हो जाती है और टच प्वॉइंट लाने में आसानी रहती है। तमिल थलाइवाज के लिए वो काफी उपयोगी रेडर साबित हो सकते हैं और टीम को उनसे काफी उम्मीदें भी रहेंगीं।

के प्रपंजन इससे पहले भी तमिल थलाइवाज के लिए खेल चुके हैं और इसी वजह से इस टीम के माहौल और उनकी जरूरतों को अच्छी तरह से जानते होंगे। थलाइवाज के लिए पांचवें सीजन में उन्होंने 22 मैचों में 123 प्वॉइंट हासिल किए थे और अजय ठाकुर के बाद टीम के सेकेंड बेस्ट रेडर थे। इसके अलावा इस सीजन उन्होंने टीम के लिए सबसे ज्यादा डू और डाई रेड प्वॉइंट भी लाए थे।

https://www.youtube.com/watch?v=kW6z5TyU8QA

प्रो कबड्डी लीग के पिछले सीजन प्रपंजन बंगाल वॉरियर्स की टीम का हिस्सा थे जिसकी वजह से अब उनके पास टाइटल जीतने का भी अनुभव हो गया है और ये तमिल थलाइवाज के काफी काम आ सकता है।

वीकनेस

डिफेंस है तमिल थलाइवाज की सबसे बड़ी वीकनेस

तमिल थलाइवाज के पास प्रो कबड्डी लीग में इस सीजन ज्यादा बड़े डिफेंडर मौजूद नहीं हैं। पिछले सीजन मंजीत छिल्लर और रण सिंह जैसे स्टार डिफेंडर टीम के पास थे जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। मंजीत छिल्लर ने 37 और रण सिंह ने 46 प्वॉइंट हासिल किए थे। इस सीजन तमिल थलाइवाज को डिफेंस में अनुभव की कमी काफी खलने वाली है।

तमिल थलाइवाज के पास सुरजीत सिंह, हिमांशु, सागर, अभिषेक और साहिल के रूप में कई डिफेंडर हैं। हालांकि इन सबमें केवल सुरजीत सिंह ही सबसे ज्यादा अनुभवी हैं। सुरजीत सिंह राइट कवर में खेलते हैं और उनके पास कई तरह की क्वालिटी मौजूद है। वो डैश करते हैं और इसके अलावा ब्लॉक भी काफी बेहतरीन करते हैं। सातवें सीजन में 63 प्वॉइंट के साथ वो सबसे सफल कवर डिफेंडर थे। इस बार तमिल थलाइवाज को उनसे काफी उम्मीदें होंगी।

हालांकि उनके अलावा किसी और डिफेंडर के पास अभी प्रो कबड्डी लीग का उतना अनुभव मौजूद नहीं है। हिमांशु, सागर और एम अभिषेक के पास अभी उतना अनुभव नहीं है और ऐसे में इन खिलाड़ियों से ज्यादा उम्मीद रखना सही नहीं होगा।

अजय ठाकुर और राहुल चौधरी के जाने से टीम की लोकप्रियता में कमी

तमिल थलाइवाज का परफॉर्मेंस भले ही में प्रो कबड्डी लीग पिछले सीजन उतना अच्छा नहीं रहा लेकिन अजय ठाकुर और राहुल चौधरी जैसे खिलाड़ियों के होने से टीम की लोकप्रियता पर कोई असर नहीं पड़ता था। लोग इन प्लेयर्स को देखने के लिए खिंचे चले आते थे। इस बार टीम को ये कमी खल सकती है। जब फैंस आपको चीयर करते हैं तो फिर मनोबल बढ़ जाता है और उसका असर परफॉर्मेंस में भी देखने को मिलता है। हालांकि इस बार तमिल थलाइवाज को ये कमी खल सकती है।

टीम

रेडर -अजिंक्य पवार, अतुल एम एस, के प्रपंजन, मंजीत और भवानी राजपूत।

डिफेंडर - एम अभिषेक, सुरजीत सिंह, हिमांशु, सागर, साहिल और तुहिन तरफदेर।

ऑलराउंडर -अनवर सहीद, सागर कृष्णा, सांधापानासेल्वम और सौरभ पाटिल।

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