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कबड्डी न्यूज

कबड्डी: सर्कल स्टाइल और स्टैंडर्ड स्टाइल में क्या अंतर है ?

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Published at :January 20, 2022 at 12:41 AM
Modified at :December 13, 2023 at 1:01 PM
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(Courtesy : Pro Kabaddi League)

यह खेल दो तरह के फॉर्मेट में खेला जाता है।

भारत में कबड्डी काफी लोकप्रिय खेल है। कबड्डी को भारत का खेल कहा जाता है। यह काफी समय से भारत में खेली जाती रही है और इसकी लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है। कबड्डी दो तरह से खेली जाती है। एक है सर्कल स्टाइल और दूसरा है स्टैंडर्ड स्टाइल। दोनों ही तरह के कबड्डी में काफी बड़ा अंतर है। सर्कल कबड्डी को अमैच्योर सर्कल कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा गवर्न किया जाता है।

वहीं स्टैंडर्ड कबड्डी इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन द्वारा गवर्न किया जाता है। प्रो कबड्डी लीग में स्टैंडर्ड स्टाइल खेली जाती है। वहीं सर्कल कबड्डी अलग तरह की होती है। सर्कल स्टाइल के कई दमदार खिलाड़ी स्टैंडर्ड स्टाइल में भी बड़ा नाम कमा चुके हैं। बंगाल वारियर्स के डिफेंडर रण सिंह भी एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं। खेल नाओ के एक्सपर्ट मोहित छिल्लर ने कहा, "स्टैंडर्ड स्टाइल में 7 खिलाड़ी होते हैं जबकि सर्किल स्टाइल में आठ खिलाड़ी मैच शुरू करते हैं।"

https://www.youtube.com/watch?v=zCBbxurWCTs&t=2293s

"सर्किल स्टाइल में अगर रेडर किसी एक डिफेंडर को छू लेता है तो केवल वही डिफेंडर उस रेडर को टैकल कर सकता है। हालांकि स्टैंडर्ड कबड्डी में सारे डिफेंडर टैकल करने आ जाते है। वो बात अलग है की सर्किल कबड्डी में ताकत की ज्यादा आवश्यकता होती है क्योंकि वहां सिर्फ एक ही खिलाड़ी होता है। रनिया और मनी जैसे खिलाड़ियों ने सर्किल कबड्डी में बहुत नाम कमाया है।"

आइए विस्तार से जानते हैं कि स्टैंडर्ड कबड्डी और सर्कल कबड्डी में क्या अंतर है।

सर्कल कबड्डी

सर्कल कबड्डी में 22 मीटर का एक रेडियस होता है, जिसे दो भागो में बांटा जाता है। सर्कल स्टाइल कबड्डी में कोई भी बोनस लाइन नहीं होती है और ना ही कोई लॉबी होती है। प्लेइंग फील्ड के सेंटर में एक "पाला" होता है। एक रेडर अपने होम कोर्ट में इसी पाला के जरिए ही सुरक्षित पहुंचेगा। सर्कल कबड्डी में किसी भी तरह की कोई वजन की सीमा नहीं होती है। प्लेयर चाहे जितने वजन का हो वो खेल सकता है।

स्टार्टिंग प्लेयर और रेडिंग के नियम

इस कबड्डी में शुरूआती टीम में कुल 8 प्लेयर होते हैं और 5 सब्सीट्यूट भी टीम को मैच के दौरान मिलते हैं। इसमें डिफेंडर्स को एंटी कहा जाता है। इस फॉर्मेट में कोई भी रेडर दो बार लगातार जाकर रेड नहीं कर सकता है। वहीं रेडर एक बार में सिर्फ एक ही एंटी को टच कर सकता है। अगर रेडर एक से ज्यादा एंटी को टच करता है तो फिर उसके खिलाफ एक प्वॉइंट जाता है।

सर्कल स्टाइल में काफी ताकत की जरुरत होती है। (क्रेडिट- स्पोर्ट्स अड्डा)

प्वॉइंट सिस्टम

इस फॉर्मेट में रेडर को केवल एक ही एंटी टैकल कर सकता है। अगर एक से ज्यादा एंटी रेडर को रोकने की कोशिश करते हैं तो फिर रेडर को सेफ माना जाएगा और विरोधी टीम के खिलाफ प्वॉइंट दिया जाएगा।

अगर कोई प्लेयर गेम के दौरान बाउंड्री या फिर मिडलाइन के बाहर चला जाता है तो फिर उसके खिलाफ प्वॉइंट दे दिया जाएगा और रेड को पूरा माना जाएगा। वहीं स्ट्रगल के दौरान अगर कोई प्लेयर बाउंड्री या मिडलाइन क्रॉस करता है तो फिर पहला प्वॉइंट उसके खिलाफ दिया जाएगा। हालांकि अगर रेडर पाला के जरिए मिडलाइन को क्रॉस कर लेता है तो उसे एक प्वॉइंट दे दिया जाएगा।

मैच की टाइमिंग

सर्कल कबड्डी में भी स्टैंडर्ड कबड्डी की ही तरह 40 मिनट का मैच होता है और 20-20 मिनट के पार्ट में ये बंटा होता है। वहीं इसमें भी रेड की अधिकतम समयसीमा 30 सेकेंड ही होती है और इस दौरान रेडर को कबड्डी बोलते रहना होता है।

स्टैंडर्ड कबड्डी

स्टैंडर्ड कबड्डी काफी लोकप्रिय फॉर्मेट है क्योंकि प्रो कबड्डी लीग इसी फॉर्मेट में खेली जाती है। इसमें एक मिडलाइन होता है जो दो पार्ट में बंटा होता है। इसके अलावा कोर्ट के दोनों तरफ लॉबी एरिया होता है। रेड के दौरान अगर रेडर या डिफेंडर में से कोई भी बिना एक दूसरे के कॉन्टैक्ट के लॉबी में चला जाता है तो उसे आउट माना जाता है। सबसे पहले आउट होने वाला खिलाड़ी मैदान पर पुनर्जीवित होकर सबसे पहले आता है।

स्टार्टिंग प्लेयर और रेडिंग के नियम

स्टैंडर्ड कबड्डी मैट पर खेली जाती है और शुरूआत में 7 प्लेयर टीम में होते हैं और इसके बाद आप मैच के दौरान 5 सब्सीट्यूट कर सकते हैं। रेड करने वाले खिलाड़ी को रेडर कहते हैं और वह लगातार कबड्डी-कबड्डी शब्द का उच्चारण करता है। रेडर एक बार में कई डिफेंडर्स को टच कर सकता है और मल्टीप्वॉइंट ला सकता है। वहीं इसमें बोनस लाइन भी होती है जिसके जरिए रेडर बोनस प्वॉइंट कमा सकता है।

प्रो कबड्डी लीग में अगर किसी टीम की दो लगातार रेड खाली गई है तो तीसरी रेड उसकी डू और डाई होगी जिसमें उसे हर हाल में प्वॉइंट लाने होंगे। अगर वो डू और डाई के दौरान प्वॉइंट नहीं ला पाया तो उसे आउट माना जाता है। तीन या 4 खिलाड़ियों को रेडर द्वारा एक बार में आउट करने को सुपर रेड कहते हैं।

टैकल के नियम

रेडर को रोकने वाले खिलाड़ियों को डिफेंडर कहते हैं और इसमें पूरी टीम एक साथ मिलकर रेडर को टैकल कर सकती है। एक रेडर को आउट करने पर एक प्वॉइंट मिलता है। वहीं मैट पर अगर किसी टीम के तीन या दो डिफेंडर हैं और वो विरोधी टीम के रेडर को टैकल कर लेते हैं तो उसे सुपर टैकल कहा जाता है और तब दो प्वॉइंट मिलते हैं। अगर कोई डिफेंडर किसी रेडर को धक्का देकर लॉबी से बाहर भेज देता है और रेडर मिडलाइन तक नहीं पहुंच पाता है तो उसे आउट माना जाता है।

प्वॉइंट सिस्टम

इस फॉर्मेट में पूरी टीम को आउट करने पर विपक्षी टीम को दो अतिरिक्त अंक मिलते हैं जिसे 'लोना' कहते हैं। इसके अलावा रेडर बोनस प्वॉइंट को क्रॉस करके एक बोनस प्वॉइंट भी ला सकता है। रेडर कई प्लेयर्स को टच करके प्वॉइंट ला सकता है। अगर किसी रेडर ने दो से ज्यादा प्वॉइंट एक रेड में ले लिए तो उसे सुपर रेड कहा जाता है।

वहीं डिफेंडर अगर रेडर को टैकल कर देते हैं तो उन्हें एक प्वॉइंट मिलता है। हालांकि अगर तीन या उससे कम डिफेंडर रेडर को टैकल करते हैं तो फिर उस परिस्थिति में दो प्वॉइंट टीम को मिलते हैं। रेडर को 30 सेकेंड के अंदर अपनी रेड पूरी करनी होती है और ऐसा नहीं करने पर विरोधी टीम को एक प्वॉइंट दे दिया जाता है।

मैच की टाइमिंग

स्टैंडर्ड कबड्डी भी 40 मिनट का होता है और 20-20 मिनट के दो पार्ट में बंटा होता है। इसके अलावा दोनों टीमों को टाइम आउट लेने का भी मौका मिलता है। 40 मिनट बाद जिस भी टीम के प्वॉइंट ज्यादा होते हैं उसे विजेता घोषित किया जाता है।

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