कई ऐसे युवा खिलाड़ी रहे जिन्होंने अपने परफॉर्मेंस से अपनी एक अलग पहचान बनाई।

प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) का आगाज जबसे हुआ है, इसमें से कई बेहतरीन युवा प्लेयर निकलकर सामने आए हैं। कई युवा खिलाड़ियों का सपना इस लीग ने पूरा किया है। हर सीजन बेहतरीन यंगस्टर्स इसमें खेलते हैं और अपनी स्किल और टैलेंट के जरिए लोगों के दिलों में अपनी जगह बना लेते हैं। नवीन कुमार, परदीप नरवाल, पवन सेहरावत जैसे दिग्गज इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। इन खिलाड़ियों ने जब अपना डेब्यू किया था तब इन्हें काफी कम ही लोग जानते थे लेकिन अब ये कबड्डी के बड़े सुपरस्टार हैं और करोड़ों फैंस के पसंदीदा प्लेयर बन गए हैं।

पीकेएल सीजन 9 के दौरान भी कई युवा खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। कई प्लेयर ऐसे रहे जो खेलो इंडिया यूथ गेम से सेलेक्ट होकर आए थे और इतने बड़े मंच पर आकर भी अपने गेम का लोहा मनवाया। इन प्लेयर्स ने अपने परफॉर्मेंस से सबको प्रभावित किया। इस आर्टिकल में हम आपको पांच ऐसे ही न्यू यंग प्लेयर्स के नाम बताएंगे जिन्होंने पीकेएल 9 में सबसे ज्यादा प्रभावित किया।

रोहित तोमर

यूपी योद्धाज के युवा रेडर रोहित तोमर का परफॉर्मेंस इस सीजन काफी अच्छा रहा। सुरेंदर गिल जब इंजरी की वजह से बाहर हो गए तब कई मैचों में परदीप नरवाल के असिस्ट रेडर की भूमिका उन्होंने काफी अच्छी तरह से निभाई। हर किसी को लग रहा था कि नितिन तोमर को ज्यादा मौका मिलेगा लेकिन उनका फॉर्म उतना अच्छा नहीं था और इसी वजह से रोहित तोमर को मौका मिला और उन्होंने उसका पूरा फायदा उठाया। उन्होंने 15 मैचों में कुल 86 प्वॉइंट हासिल किए और इस सीजन के बेहतरीन यंग रेडर्स में से एक साबित हुए।

मोहित कालेर

यू-मुम्बा के लेफ्ट कॉर्नर स्पेशलिस्ट मोहित कालेर ने इस सीजन अपनी टीम के लिए बेहतरीन खेल दिखाया। उन्होंने 20 मैचों में 44 प्वॉइंट हासिल किए। ओवरऑल टैकल प्वॉइंट के मामले में वो 18वें पायदान पर रहे। रिंकू और मोहित की जोड़ी इस सीजन यू-मुम्बा के लिए काफी बेहतरीन साबित हुई। मोहित अपनी टीम के दूसरे सबसे बेस्ट डिफेंडर रहे। मोहित इस सीजन सबसे ज्यादा सुपर टैकल के मामले में भी आठवें पायदान पर रहे। मोहित ने दिखाया कि युवा प्लेयर होने के बावजूद उनके अंदर काफी समझ और स्किल है और वो आगे चलकर एक बड़े प्लेयर साबित हो सकते हैं।

प्रतीक दहिया

युवा ऑलराउंडर प्रतीक दहिया पीकेएल सीजन 9 के बेहतरीन यंग प्लेयर्स में से एक साबित हुए। गुजरात जायंट्स की तरफ से खेलते हुए उन्होंने अपने आपको बेहतरीन तरीके से साबित किया। टीम के मेन रेडर्स नहीं चल पा रहे थे और ऐसे में प्रतीक दहिया को कोच राम मेहर सिंह ने मौका दिया और वो टीम की उम्मीदों पर खरा उतरे। प्रतीक दहिया को 19 मैचों में खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 183 प्वॉइंट हासिल किए और टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रेड प्वॉइंट हासिल करने वाले प्लेयर रहे। कई मुकाबलों में टीम की जीत में उनका योगदान सबसे ज्यादा रहा।

अंकुश राठी

जयपुर पिंक पैंथर्स की टीम अगर दूसरी बार पीकेएल का टाइटल जीतने में कामयाब रही है तो उसमें काफी सारा योगदान अंकुश का भी है। जयपुर के पास इस सीजन तीन ऐसे डिफेंडर रहे जिन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और उनमें अंकुश का नाम सबसे ऊपर है। अंकुश ने कुल 24 मैच खेले और इस दौरान 89 टैकल प्वॉइंट हासिल किए। ये उनका पहला ही सीजन था लेकिन वो लीग के बेस्ट डिफेंडर साबित हुए।

नरेंद्र कंडोला

नरेंद्र कंडोला ने सिर्फ 19 साल की उम्र में ही जिस तरह का खेल दिखाया उससे हर कोई हैरान है। उन्होंने उम्मीदों के बोझ तले दबी तमिल थलाइवाज की रेडिंग का बेहतरीन तरीके से नेतृत्व किया और टीम को पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंचाने में अपना अहम किरदार अदा किया। पीकेएल 9 के पहले मैच में पवन सेहरावत की इंजरी के बाद सबको लगा कि थलाइवाज की टीम अब बिखर जाएगी क्योंकि उनके पास कोई बड़ा रेडर नहीं है। हालांकि नरेंद्र ने अपने परफॉर्मेंस से सबको गलत साबित कर दिया और सीजन की एक बेहतरीन खोज साबित हुए। उन्होंने 23 मैचों में 243 रेड प्वॉइंट हासिल किए और सीजन के चौथे सबसे बेस्ट रेडर साबित हुए। नरेंद्र ने डू और डाई सिचुएशन में 40 प्वॉइंट लिए और ये दिखाता है कि वो दबाव में भी बेहतर खेलना जानते हैं।

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